मालकिन की मौत पर कुत्ते ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर दे दी जान

 कानपुर                                                                                     
अपनी मालकिन की मौत पर कुत्ते ने घर की चौथी मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी। मालकिन स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त निदेशक थीं। इस घटना के बाद कुत्ते की वफादारी और अपनी मालकिन से बेइंतहा लगाव की चर्चा जोरों पर है। कुत्ते का शव भी मालकिन के शव के पास ही रखा गया था और मालकिन के अंतिम संस्कार के बाद देर रात पालतू मादा कुत्ते जया को भी विधिवत घर के समीप ही दफना दिया गया।

उत्तर प्रदेश में कानपुर के बर्रा दो निवासी डॉ. अनीता राज सिंह स्वास्थ्य विभाग में संयुक्त निदेशक थीं। पिछले लंबे समय से वह किडनी की बीमारी से जूझ रहीं थीं। अप्रैल में गुर्दा प्रत्यारोपण होना था। दिल्ली के अस्पताल से डेट भी मिल चुकी थी लेकिन कोरोना के कारण प्रत्यारोपण नहीं हो पाया। बुधवार को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। बेटे तेजस ने बताया कि 12 साल पहले उसर्ला अस्पताल के पास कुत्ते के पांच बच्चे हुए थे। उनमें से एक बच्चे की हालत खराब थी उसके कीड़े पड़ गए थे। उसकी मां भी बच्चों के साथ नहीं थी।

मरते बच्चे को बचाने की मंशा से डॉ. अनीता उसे घर उठा लाईं और उपचार एवं सेवा से उसे बचा लिया। कुत्ते के इस मादा बच्चे को उन्होंने जया नाम दिया। उसकी देखभाल वह अपने बच्चे की तरह करती थीं। तेजस के अनुसार जया से मां का गहरा लगाव था। घर लौटते ही जया उनसे लिपट जाती थी। वह उनके आगे -पीछे ही घूमती रहती थी। इधर कुछ दिनों से जया ने अपनी मालकिन को नहीं देखा था इसलिए वह परेशान रहती थीं। जिस समय परिजन डॉ. अनीता का शव लेकर घर पहुंचे उस समय जया चौथी मंजिल पर थी। भीड़ और मालकिन का शव देखकर जया खुद को रोक नहीं पाई और उसने छलांग लगा दी।

परिजन उसे लेकर डॉक्टर के पास गए लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। ऊंचाई से कूदने से उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। जया के शव को अनीता के शव के पास ही रखा गया। डॉ. अनीता के पति हमीरपुर के सीएमओ डॉ. आरके सचान ने बताया कि मेडिकल कालेज को देह दान करने की इच्छा कोरोना के कारण पूरी नहीं हो पाई।

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