सुरक्षा बलों के लिए पहले एयर ऐम्बुलेंस को मंजूरी दी गई

 
नई दिल्ली 

नक्सल विरोधी अभियानों के लिए तैनात सुरक्षा बलों और ऊंचाई वाले स्थानों पर सीमा चौकियों की निगरानी में तैनात जवानों के लिए अपनी तरह की पहली एयर ऐम्बुलेंस सेवा को मंजूरी दी गई है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक हालिया आदेश में कहा गया कि सीमा सुरक्षा बल के एमआई-17 हेलिकॉप्टर पर एयर ऐम्बुलेंस का काम करेगा और इसे झारखंड की राजधानी रांची में तैनात रखा जाएगा। 
इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को समर्पित इस एयर ऐम्बुलेंस सेवा में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहेंगे। अधिकारी ने बताया कि स्टैबिलाइजर और ऑक्सिजन सिलिंडर जैसे चिकित्सा उपकरणों को भी इस हेलिकॉप्टर में लगाया जाएगा। 

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) शामिल हैं। 

अधिकारी ने बताया कि इस नई सुविधा से अभियानों में घायल हुए जवानों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने तथा उनके रक्तस्राव को रोकने में महत्वपूर्ण रूप से समय की बचत होगी और इससे बेशकीमती जिंदगियां बचाई जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि इस सेवा का मुख्य लक्ष्य नक्सल प्रभावित राज्यों में तैनात लगभग एक लाख केंद्रीय सुरक्षा बलों को चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराना है और इससे राज्य पुलिस को भी मदद मिलेगी। 

इस ऐम्बुलेंस का इस्तेमाल सुदूरवर्ती सीमावर्ती क्षेत्रों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात केंद्रीय पुलिसकर्मियों को वहां से हटाने और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है। यह पहला मौका है जब केंद्रीय बलों के लिए ऐसी पूर्णकालिक हवाई चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई है। इससे खासकर नक्सल हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में मदद मिलेगी जहां चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है और जो संपर्क की समस्याओं से प्रभावित है।
 

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