फर्जी स्टांप पेपर घोटाला: मौत के एक साल बाद अब्दुल करीम तेलगी बरी

नासिक                
मौत के एक साल बाद 20 हजार करोड़ रुपये के स्टांप पेपर घोटाले में दोषी करार दिए गए अब्दुल करीम तेलगी को बरी कर दिया गया है.  महाराष्ट्र के इस बहुचर्चित घोटाले में आठ अन्य लोगों को भी बरी किया गया है. नासिक की एक अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. वहीं, मौत के बाद तेलगी के खिलाफ घोटाले के आरोप को हटा लिया गया है. फर्जी स्टांप पेपर घोटाले में उसे 30 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह बेंगलुरु के पाराप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था. उस पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.

मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज पी आर देशमुख ने यह फैसला सोमवार को सुनाया. रेलवे सुरक्षा बल के अफसर और कर्मचारी भी इस मामले में आरोपी थे. बता दें कि मामले की सुनवाई के दौरान ही करोड़ों रुपये के फर्जी स्टांप पेपर घोटाले के आरोपी तेलगी का पिछले साल अक्टूबर में बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया था. उसके शरीर के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.

बता दें कि तेलगी को नवंबर, 2001 में अजमेर से गिरफ्तार किया गया था. वह बीते 20 वर्षों से मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित था. उसे एड्स समेत कई बीमारियां थीं. करोड़ों रुपये के घोटालों में दोषी करार दिए गए तेलगी की लंबी बीमारी के बाद 26 अक्तूबर को बेंगलुरु के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. उनकी पत्नी ने अर्जी में दावा किया कि तेलगी की आखिरी इच्छा यह थी कि घोटाले के पैसों से बनाई गई उनकी सारी संपत्ति सरकार द्वारा इस्तेमाल की जाए. अर्जी की सुनवाई तीन फरवरी को होने की संभावना है.

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