सुमित्रा महाजन को इंदौर में अपनों से ही मिल रही है चुनौती!

इंदौर 
पिछले 30 सालों से इंदौर सीट पर लगातार जीत रहीं लोकसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ बीजेपी नेता सुमित्रा महाजन को यहां अपनों से ही चुनौती मिलती दिख रही है. उनकी चुनावी दावेदारी को इस बार बीजेपी के ही एक स्थानीय धड़े से खुली चुनौती मिली है. बीजेपी से विधायक रहे कवि सत्यनारायण सत्तन ने साफ कह दिया है कि वे सुमित्रा महाजन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और इसके लिए प्रवीण तोगड़िया की पार्टी से भी उनकी बात चल रही है.

दरअसल, इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार बदलने की अटकलों पर सुमित्रा महाजन ने विराम लगाते हुए दिल्ली में अपनी दावेदारी पेश कर दी है, लेकिन उनकी दावेदारी ने पार्टी के भीतर के पल रहे ज्वालामुखी को बाहर ला दिया है.

हिंदी के मंचीय कवि के रूप में भी ख्याति रखने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक सत्यानारायण सत्तन ने एक बार फिर चुनाव लड़ने की बात पर अडिग रहते हुए कहा कि बतौर क्षेत्रीय सांसद सुमित्रा महाजन की भूमिका को लेकर अधिकतर बीजेपी कार्यकर्ता प्रसन्न नहीं हैं. उनका दावा है कि बीते पांच सालों में उनसे उनका संपर्क लगभग शून्य रहा है. इंदौर से लगातार आठ बार सांसद चुनी जाने के बावजूद सुमित्रा महाजन ने आखिर ऐसा कौन-सा काम किया है, जिसके कारण उन्हें याद रखा जाए.

खुद को पार्टी का शुभचिंतक बताने वाले सत्तन का सुझाव है कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, बीजेपी के स्थानीय विधायक रमेश मैंदोला, पार्टी की एक अन्य क्षेत्रीय विधायकउषा ठाकुर या शहर की महापौर मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ में से किसी नेता को इस बार इंदौर से बीजेपी का चुनावी टिकट दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.

वहीं अपने दो दिनी दिल्ली दौरे के बाद इंदौर लौटीं सुमित्रा महाजन ने साफ कर दिया कि वे चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकीं हैं और उन्होंने पार्टी आलाकमान से मुलाकात कर चुनाव लडऩे के बारे में बता भी दिया है. इसके बाद महाजन ने कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर तैयारी में जुटने को कहा है.

उधर कांग्रेस भी सत्तन के सुर में सुर मिला रही है कांग्रेस का कहना है कि इंदौर के प्रगतिशील मतदाताओं को लोकसभा में नए नुमाइंदे की दरकार है क्योंकि बतौर क्षेत्रीय सांसद महाजन अपनी भूमिका निभाने में असफल रही हैं. सुमित्रा महाजन ने गुजरे पांच सालों में इंदौर रेलवे स्टेशन पर चंद नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने और सरकारी चिट्ठियां लिखने के अलावा क्षेत्र के लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया है.

बता दें कि दोनों प्रमुख दलों-बीजेपी और कांग्रेस ने फिलहाल इंदौर सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. इस क्षेत्र में 19 मई को लोकसभा चुनावों का मतदान होना है लेकिन सुमित्रा महाजन की दावेदारी के बाद उन्हें अपनी ही पार्टी से मिल चुनौती ने कई सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं.

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