सीरिया संकट की वजह से केरल के इस बैंक को बदलना पड़ा अपना नाम

 कोच्चि 
त्रिचूर स्थित केरल की कैथलिक सीरियन बैंक ने अपना नाम बदल लिया है। अब यह सीएसबी बैंक लिमिटेड के नाम से जानी जाएगी। बैंक ने यह फैसला अपने एनआरआई ग्राहकों के पलायन को देखते हुए किया है। असल में बैंक के नाम में जुड़े शब्‍द 'सीरिया' की वजह से इसके एनआरआई ग्राहक विदेशों से अपने खातों में पैसे ट्रांसफर नहीं कर पा रहे थे। 

युद्धग्रस्‍त पश्चिमी एशियाई देश सीरिया के हालात देखकर बहुत से बैंकों ने सीरिया को अपने यहां बैन किया हुआ है। इसलिए विदेशी बैंक कैथलिक सीरियन बैंक में सीरिया शब्‍द देखते ही उसे अपने आप फिल्‍टर कर देते थे। 

नाम बदलने के लिए आवेदन 
बैंक के मैनेजिंग डायरेक्‍टर और सीईओ सीवीआर राजेंद्रन का कहना है कि बैंक साल 2015 में ही नाम बदलने के लिए आरबीआई के सामने आवेदन कर चुका है। वह बताते हैं कि बहुत से आयतकों और निर्यातकों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है क्‍योंकि बैंक के लेटर ऑफ क्रेडिट को दूसरे बैंक स्‍वीकार नहीं करते हैं। 

राजेंद्र कहते हैं, 'हमने अब अपने नाम से 'सीरियन' शब्‍द हटा दिया है। यह 10 जून से प्रभाव में आ गया है। हमें लगत है कि हमारा पुराना ब्रैंड नाम सीएसबी ज्‍यादा बेहतर है क्‍योंकि हमें अभी तक लोग इसी नाम से जानते आए हैं। 'कैथलिक' शब्‍द के साथ भी यह दिक्‍कत है कि लोग इसे एक समुदाय अधारित बैंक मान बैठते हैं, जो कि अब सच नहीं है। यह ऐसा बैंक है जो हर समुदाय और हर जगह के ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रहा है। हमारा सीरिया से कोई संबंध नहीं है। सीरिया शब्‍द की वजह से ही हमारे बहुत से कस्‍टमर दूसरे बैंकों में चले गए। पिछले कुछ समय से ऐसा चल रहा था।' 

सितंबर में आईपीओ लाने की तैयारी में 
सीएसबी एक समय में केरल में स्थित दूसरे बैंकों, जैसे- फेडरल बैंक, साउथ इंडियन बैंक और धनलक्ष्‍मी बैंक से बड़ा था। सीएसबी सितंबर में आईपीओ लाने की तैयारी कर रहा है। पिछले साल भारतीय मूल के कनाड़ा के अरबपति प्रेम वत्‍स ने 1200 करोड़ रुपये में अधिकांश शेयर खरीद लिए थे। 
 

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