सीबीएसई स्कूलों की मान्यता अब हर तीन साल में रिन्युअल कराना होगा, निरीक्षण के दोहरीकरण की व्यवस्था समाप्त 

भोपाल
सीबीएसई से प्रदेश में स्कूलों को दी जाने वाली आजीवन मान्यता की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। सीबीएसई के नये आदेशों के तहत अब हर तीन साल में स्कूलों को मान्यता का रिन्युअल कराना होगा। इसके लिए सीबीएसई ने प्रायवेट स्कूलों की नवीन संबद्धता और संबद्धता नवीनीकरण की प्रक्रिया में सीबीएसई द्वारा की निरीक्षण के दोहरीकरण की व्यवस्था अब समाप्त कर राज्य के शिक्षा विभाग के निरीक्षण को ही मान्य करने के  आदेश दिये हैं। 

अब राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारी,जेडी,डीईओ आदि स्कूल द्वारा आॅनलाईन किये गये मान्यता के आवेदन पर स्कूल की अधोसंरचना का निरीक्षण करते हैं।और निरीक्षण प्रतिवेदन पर अपनी रिपोर्ट देकर सीबीएसई को भेजते हैं। इसके बाद राज्य की अनुशंसाओं के आधार पर सीबीएसई के अधिकारियों द्वारा स्कूलों के अकादमिक व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया जाता है। अधोसंरचना संबंधी और अकादमिक प्रतिवेदन पर ओके रिपोर्ट जारी होने के बाद फाईनल निरीक्षण के लिए सीबीएसई बोर्ड अजमेर द्वारा आईएएस स्तर के दो अधिकारियों को अंतिम निरीक्षण के लिए भेजा जाता है। अब सीबीएसई द्वारा जारी किये गये आदेश के तहत संभागीय संयुक्त संचालक के निरीक्षण को ही सीबीएसई द्वारा मान्य किया जायेगा। आरटीई के तहत स्कूलों को पहली कक्षा से आठवीं तक मान्यता देने के अधिकार डीईओ के पास हैं। 9वीं से आगे की कक्षाओं की मान्यता के लिए अलग से आवेदन स्कूलों द्वारा आॅनलाईन भरे जाते हैं। 

जेडी द्वारा स्कूल के निरीक्षण करने के बाद 35 बिंदुओं के प्रपत्र पर जेडी,डीईओ, के हस्ताक्षर के साथ ही कलेक्टर के काउंटर साईन होते थे। अब कलेक्टर के काउंटर साईन की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। 

सीबीएसई से अशासकीय स्कूलों को मान्यता लेने के लिए ढाई एकड जमीन के साथ ही लगभग सात प्रकार के प्रमाणपत्र हासिल करने होते हैं। जिनमें तहसीलदार द्वारा जारी किया गया भूमि संबंधी प्रमाणपत्र ,भवन और सुरक्षा संबंधी प्रमाणपत्र -पीडब्ल्यूडी,पेयजल व्यवस्था संबंधी-कलेक्टर,वाहन और उसमें आवश्यक सुरक्षा उपकरणों संबंधी प्रमाणपत्र-आरटीओ ,लेडी अटेंडर का प्रमाणपत्र-स्कूल स्वयं जारी करता है,इसके अलावा नगर निगम के क्षेत्र में 4000 वर्ग मीटर भूमि होना जरूरी है। इस आदेश से स्कूलों को मान्यता की प्रक्रिया में आसानी हो सकेगी। और राज्य द्वारा सीबीएसई स्कूलों पर नियंत्रण रखा जा सकेगा।

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