सिविल जज भर्ती: मुख्य परीक्षा की प्रक्रिया पर हाईकोर्ट की रोक

बिलासपुर
हाईकोर्ट ने सिविल जज (प्रवेश स्तर) के 39 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। 7 मई 2019 को ली गई ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे 2 जुलाई को जारी किए गए थे। हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर बताया गया है कि पीएससी ने मॉडल आंसर में की गई आपत्ति के बावजूद गलत उत्तर के आधार पर नतीजे जारी किए हैं। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 6 फरवरी 2019 को विधि एवं विधायी कार्य विभाग के अंतर्गत सिविल जज (प्रवेश स्तर) के 39 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। 7 मई 2019 को ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया।

परीक्षा के दूसरे दिन 8 मई को मॉडल आंसर जारी किया गया, इसके लिए 24 मई तक ऑनलाइन दावा- आपत्ति मांगे गए। परीक्षा देने वाले कुमार सौरव ने भी कुछ प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज करवाते हुए प्रमाण के साथ पीएससी को दस्तावेज भेजे। सभी दावा- आपत्ति का निराकरण करने के बाद पीएससी ने 22 जून 2019 को संशोधित मॉडल आंसर जारी किया, इसके बाद 2 जुलाई 2019 को प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए गए। प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों के आधार पर 39 पदों के लिए 427 परीक्षार्थियों को पात्र घोषित किया गया।

कुमार सौरव का चयन नहीं हो सका। उसने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर कहा कि प्रश्न के गलत जवाब को लेकर उसने प्रमाण के साथ दस्तावेज पीएससी को भेजे थे, लेकिन बावजूद इसके संशोधित मॉडल आंसर में भी उस गलती को नहीं सुधारा गया है। मामले पर जस्टिस गौतम भादुरी की बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक रूप से पाया कि विधि विषय से संबंधित प्रश्न में हुई गलती बताने के बाद भी पीएससी ने उसे सुधारे बगैर नतीजा जारी कर दिया है। हाईकोर्ट ने पीएससी सहित अन्य को नोटिस जारी करने के साथ ही अगली सुनवाई तक मुख्य परीक्षा के लिए प्रक्रिया शुरू करने पर रोक लगा दी है। मामले पर अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।

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