141 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में दो कारोबारी गिरफ्तार

रायपुर
 छत्तीसगढ़ में जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय रायपुर आंचलिक इकाई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 141 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में दो कारोबारियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को हिरासत में भेज दिया है।

जीएसटी इंटेलिजेंस विंग ने श्याम सेल्स कार्पोरेशन के खिलाफ जीएसटी चोरी की जांच के बाद समता कालोनी के कारोबारी संतोष अग्रवाल और आयुष गर्ग को गिरफ्तारी किया है। फर्म ने फर्जी बिल के आधार पर बड़े पैमाने पर कर चोरी की थी। जीएसटी आसूचना महानिदेशालय के संयुक्त निदेशक नेम सिंह ने कार्रवाई की पुष्टि की है। जीएसटी इंटेलिजेंस विंग के अधिकारियों ने बताया कि इस फर्म पर कार्रवाई से पहले करीब 400 बैंक खातों की जांच की गई। जांच में पाया गया कि पैसा किसी अन्य व्यक्ति के खाते में गया और बिल किसी अन्य फर्म का जमा किया गया। कई ऐसी कंपनियों को भुगतान किया गया, जिससे कोई कारोबार ही नहीं किया गया। ऐसे एक दर्जन से ज्यादा मामलों की जांच चल रही है, जिसमें जल्द ही कार्रवाई होगी।

अधिकारियों ने बताया कि श्याम सेल्स कार्पोरेशन ने ओडिशा की 12 फर्म से माल खरीदी दिखाया था, जो कंपनी अस्तित्व में ही नहीं थी। कंपनी ने स्टील आइटम, टीएमटी और चैनल की खरीदी की है, जिसमें 21 करोड़ स्र्पये की जीएसटी शामिल है। बोगस खरीदी के माध्मय से श्याम सेल्स ने 21 करोड़ का गैर कानूनी रूप से आइटीसी हासिल किया और अन्य कारोबारियों को दिया। जीएसटी विंग ने खरीदी के बिल की जब जांच की तो पता चला कि जिन गाड़ियों के माध्यम से माल का परिवहन किया गया है, वह स्कूटर और मोटरसाइकिल है। फर्म ने जो जानकारी दी थी, उसके अनुसार स्कूटर से 20 से 25 टन माल का परिवहन किया गया। ओडिशा-रायपुर नेशनल हाइवे के के टोल से जब जानकारी ली गई, तो ये गाड़ियां उससे गुजरी ही नहीं थी।

ओडिशा की कंपनी के सभी बिल मिले फर्जी

अधिकारियों ने बताया कि श्याम सेल्स कार्पोरेशन ने ओडिशा की 12 कंपनियों के बिल जारी किये। सभी बिल फर्जी पाए गए। आरोपितों को फर्जी व्यापारिक सौदे या लेनदेन की अंतरराज्यीय जांच शुरू की गई है। साथ ही इस तरह की गड़बड़ी करने वाले कई लोहा कारोबारियों को भी जांच के दायरे में लिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *