सिवनी जिले में शिक्षक बने मेरा विद्यालय-मेरा देवालय मनोवृत्ति के संवाहक

भोपाल

सिवनी जिले के आदिवासी विकासखण्ड घंसौर के शासकीय हाईस्कूल कटिया के शिक्षकों ने ''मेरी शाला-मेरी जिम्मेदारी'' भावना को आत्मसात कर लिया है। यहाँ के शिक्षक अपनी शाला को देव-स्थान मानते हैं। उन्होंने ''मेरा विद्यालय-मेरा देवालय'' की मनोवृत्ति अपनाकर शाला परिसर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी ले ली है। प्राचार्य श्री एस.के.बोपचे के निर्देशन में शाला के शिक्षक प्रतिदिन का चार्ट बनाकर परिसर की सफाई के साथ शौचालय की सफाई भी करते हैं। प्राचार्य भी सोमवार को शाला की सफाई करते हैं।

अब इस हाई स्कूल का परिसर और कक्षाएँ साफ-सुथरी और व्यवस्थित रहती हैं। इससे यहाँ पढ़ रहे बच्चे भी स्वच्छता में सहभागी हो गये हैं। इसी तरह प्राथमिक शाला कुर्मी ठेलमाल भी साफ-सफाई की मिसाल बन गई है। यहाँ के 60 वर्षीय शिक्षक चुरामन सिंह मार्को बीमारी के कारण खड़े होने में असमर्थ हैं। फिर भी अपनी शाला की स्वयं रोजाना साफ-सफाई करते हैं।

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