महापौर पद के लिए नहीं होगी वोटिंग, सरकार ने मंजूर किया प्रस्ताव

भोपाल
मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने स्थानीय नगरीय निकायों के अध्यक्ष या महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से कराने के लिए मंजूरी दे दी है। बीजेपी ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इससे लोकतंत्र कमजोर होगा। प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में होने वाले स्थानीय नगरीय निकायों के महापौर पद के चुनाव को अप्रत्यक्ष तौर पर करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है।

बता दें कि अब तक प्रदेश में स्थानीय नगर निकायों के अध्यक्ष या महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष तौर पर यानी मतदाताओं द्वारा सीधे चुना जाता था। नई नीति के तहत अब इन पदों पर शहर के चुने गए वॉर्ड पार्षदों द्वारा मतदान से चुनाव किया जाएगा। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस राज्य भर में अप्रत्यक्ष रूप से मेयर चुनाव के लिए जा रही है क्योंकि वह जानती है कि प्रत्यक्ष चुनाव उसके लिए महंगे साबित होंगे।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 29 में से 28 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की हार हुई है। शिवराज ने कहा कि लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए वे येनकेन प्रकारेण अपने लोगों के लिए नगरीय निकायों के प्रमुख या मेयर का पद हासिल करना चाहते हैं।

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