सात लाख 76 हजार किसानों के भरे गए फार्म तहसीलदारों की गलती से रिजेक्ट
भोपाल
प्रदेश के सात लाख 76 हजार किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि देने के लिए भरे गए फार्म तहसीलदारों की गलती से रिजेक्ट हो गए हैं। इतनी अधिक संख्या में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आने के पश्चात राज्य सरकार ने कलेक्टरों से जल्द इसमें सुधार कराने के लिए कहा है ताकि भारत सरकार को इसकी जानकारी भेजी जा सके।
सीएलआर (आयुक्त भू अभिलेख) द्वारा 51 जिलों के कलेक्टरों को भेजे पत्र में कहा गया है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत जो पीएम किसान सम्मान पोर्टल तैयार किया गया है, उसमें एमपी के किसानों के बारे में फीड की गई डिटेल में भारी गड़बड़ी है। इस कारण केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस पोर्टल ने प्रदेश के सात लाख 76 हजार किसानों का डाटा रिजेक्ट कर दिया है। इस कारण इन किसानों को गड़बड़ी में सुधार होने तक किसान सम्मान निधि की राशि नहीं मिल सकेगी। कलेक्टरों से कहा गया है कि यह गलती तहसीलदारों के स्तर पर हुई है। इसलिए तहसीलदार इसे लागिन आईडी के माध्यम से दुरुस्त कराने का काम करें। फार्म रिजेक्ट करने की तीन वजह बताई गई है, पहली किसान का नाम, दूसरी बैंक का आईएफएससी कोड और तीसरी बैंक अकाउंट नम्बर जिसे ठीक करना होगा।
इन जिलों में ज्यादा गड़बड़ी
जिन जिलों में किसानों के ज्यादा फार्म रिजेक्ट हुए हैं, उनमें दमोह का नाम सबसे आगे है। यहां 44291 किसानों के फार्म रिजेक्ट हुए। इसके अलावा सिवनी में 36645, सागर में 31832, छिंदवाड़ा में 31778, खरगोन में 31336, शिवपुरी में 26598, विदिशा में 25509, जबलपुर में 24608, उज्जैन में 24579, सीहोर में 23756, बड़वानी में 20556, होशंगाबाद में 20356 किसानों के फार्म रिजेक्ट किए गए हैं। दस हजार से अधिक फार्म रिजेक्शन वाले जिलों में छतरपुर में 19869, बालाघाट में15207, बैतूल में12955, भिंड में 11670, अलीराजपुर में 11056, देवास में 10695, धार में 17738, डिंडोरी में 18119, खंडवा में 11760, हरदा में 11211, इंदौर में 16079, कटनी में 15963, मंडला में 16033, मंदसौर में 12978, मुरैना में 18162, नीमच में 10652, पन्ना में 14613, रायसेन में 17409, राजगढ़ में 10730, रतलाम में 18256, शहडोल में 10270, श्योपुर में 19379 किसानों के फार्म रिजेक्ट किए गए हैं।