ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना पड़ा महंगा, चोरी हुए 2.28 लाख रुपये

ऑनलाइन फ्रॉड का एक और मामला सामने आया है। इसमें इंदौर के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के 2 लाख रुपये ऑनलाइन चोरी हो गए। उनके साथ यह ठगी उस वक्त हुई जब वह ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर रहे थे। कुछ दिन पहले एचडीएफसी बैंक ने एक ऐडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि आजकल जालसाज ऑनलाइन ठगी को रिमोट कंट्रोल डिवाइस ऐप के जरिए अंजाम दे रहे हैं। इस ऐप के की मदद से ये जालसाज यूजर के मोबाइल का पूरी तरह से ऐक्सेस कर लेते हैं। साल 2019 की शुरुआत में आरबीआई ने भी इस तरह के फ्रॉड से लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा था। आइए जानते हैं कि कैसे इंदौर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ कैसे की गई यह ठगी और कैसे इससे आप बच सकते हैं।

रिफंड किया था क्लेम
ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने पर इंजीनियर ने पाया की उनके बैंक अकाउंट से पहले किए गए कुछ ट्रांजैक्शन के कारण 280 रुपये डिडक्ट हो गए हैं। इसे समझने और रिफंड की जानकारी के लिए उन्होंने पेमेंट गेटवे कंपनी के कस्टमर सपॉर्ट से बात की।

दो दिन बाद फर्जी एग्जीक्यूटिव का आया फोन
कस्टमर केयर पर कंप्लेन दर्ज कराने के दो दिन बाद उन्हें एक फोन कॉल रिसीव हुआ। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को पेमेंट गेटवे सर्विस का एग्जिक्यूटिव बताते हुए उन्हें रिफंड दिलाने का भरोसा दिलाया।

डाउनलोड करना पड़ा ऐप
कॉल करने वाले एग्जिक्यूटिव ने सर्वर में दिक्कत बताते हुए इंजीनियर को एक रिमोट डिवाइस कंट्रोल ऐप डाउनलोड करने को कहा। डाउनलोड और इंस्टॉल होने के बाद एग्जिक्यूटिव ने उनसे रिमोट डिवाइस कंट्रोल ऐप का लॉगइन मांगा।

हो चुकी थी 2.28 रुपये लाख की ठगी
फर्जी कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव पर शक होते ही इंजीनियर ने अपने अकाउंट से पैसों को अपनी पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर करना चाहा लेकिन ट्रांजैक्शन फेल हो गया।

15 ट्रांजैक्शन में हुई चोरी
ट्रांजैक्शन फेल होने के बाद उन्होंने बैंक में फोन कर सारी घटना को बताते हुए अकाउंट डिसेबल करने को कहा। उनके फोन करने पर बैंक ने उनके डेबिट कार्ड को तो ब्लॉक कर दिया लेकिन उनके बैंक अकाउंट को ऐक्टिव छोड़ दिया। इसके बाद अगले दिन उन्हें पता चलता है कि उनके बैंक अकाउंट से 15 ट्रांजैक्शन के जरिए 2.28 लाख रुपये निकाले जा चुके हैं।

कैसे बचें इस प्रकार की ठगी से:
1-कॉल करने वाले एजेंट को ध्यान से सुनें
आमतौर पर इस प्रकार की जालसाजी करने वाले ठग ग्राहकों को फर्जी बैंक एग्जिक्यूटिव बनकर कॉल करते हैं। उनके बात करने का तरीका बिल्कुल प्रफेशनल बैंक एम्प्लॉयी की तरह होता है। रिसीव की गई ऐसी किसी कॉल पर अगर आपको शक हो तो आप उस एग्जिक्यूटिव से बैंकिंग से जुड़े कई सवाल करें जिससे की वह परेशान होकर खुद ही फोन काट दे।

2-मांगते हैं डीटेल
फर्जी एग्जिक्यूटिव खुद को असली बैंक एम्प्लॉयी साबित करने के लिए पहले कुछ वेरिफिकेशन वाले सवाल जैसे आपकी जन्मतिथि, नाम, मोबाइल नंबर मांगेंगे।

3-बैंकिंग सर्विस ब्लॉक हो जाने की करते हैं बात
ये फर्जी बैंक और कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव आपको कह सकते हैं कि अगर आपने उनके द्वारा दिए जा रहे सुझाव पर अमल नहीं किया तो आपका डेबिट/क्रेडिट कार्ड और मोबाइल बैंकिंग सेवाएं ब्लॉक हो सकती है।

4-ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं
इन कॉल्स के जरिए जालसाजों की कोशिश होती है कि वह किसी तरह यूजर के फोन में रिमोट डिवाइस कंट्रोल ऐप जैसे AnyDesk डाउनलोड करा दें।

5-मांगते हैं कोड
ऐप के इंस्टॉल होने के बाद ये फर्जी कॉलर यूजर के फोन में आए 9 अंको वाले ऐप कोड की मांग करते हैं। यह कोड एक लॉगइन की की तरह काम करता है और इससे फर्जी कॉलर यूजर के फोन का फुल ऐक्सेस पा जाते हैं।

6- बैंकिंग के लिए दूसरा ऐप ना करें डाउनलोड
हमेशा इस बात को याद रखें कि बैंकिंग सेवाओं के लिए अगर कोई कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव आपको कोई दूसरा ऐप डाउनलोड करने को कह रहा है तो इसका सीधा मतलब यही है कि वह फ्रॉड है।

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