सर्वेक्षण रिपोर्ट-असर 2018: 15-16 साल की 26.1% लडकियां-20.2% लडकों ने स्कूल जाना बंद किया 

भोपाल
देश में प्राथमिक शिक्षा की दशा-दिशा का जायजा लेने वाली प्रतिष्ठित वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट – असर 2018 को मंगलवार को जारी कर दिया गया. असर 2018 की इस रिपोर्ट में एमपी की शिक्षा के बारे में जानकारी दी गई है.असर 2018 (एनुअल स्टेटस आॅफ सर्वे रिपोर्ट) की वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी गई है. देश में प्राथमिक शिक्षा की दशा-दिशा का जायजा लेने वाली प्रतिष्ठित वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट – असर 2018 को मंगलवार को जारी कर दिया गया. असर 2018 की इस रिपोर्ट में एमपी की शिक्षा के बारे में जानकारी दी गई है.

रिपोर्ट के अनुसार तमाम योजनायें और अभियान सरकारों द्वारा चलाये जाने के बावजूद 2018 में 15-16 आयुवर्ग की 26.1% लडकियां और 20.2%लडकों ने स्कूल जाना बंद कर दिया।

बच्चों को सरकारी स्कूलों में निशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सरकार हर साल करोडों रूपये खर्च कर रही है इसके बावजूद सरकारी स्कूलों के बजाय छात्र निजी स्कूलों में ज्यादा दाखिल हो रहे हैं यह खुलासा 13वीं एन्युअल स्टेटस आॅफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर 2018) की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार 2010 में 6-14 आयु वर्ग के 15.4 प्रतिशत बच्चे निजी स्कूलों पढते थे 2018 में 6-14 आयु वर्ग के निजी स्कूलों में पढने वाले बच्चों का आंकडा बढकर 26.1 प्रतिशत हो गया। 

रिपोर्ट के अनुसार आज भी 18.06%स्कूलों में लडकियों के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था नहीं हैं,कम्प्यूटर शिक्षा के मामले में सरकारी स्कूलों में न के बराबर व्यवस्था है 96.2% बच्चों को कम्प्यूटर की शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश (एमपी) के प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 8 प्रतिशत घटी है. शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले 46 प्रतिशत विद्यार्थी कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते हैं.  के 5.5 प्रतिशत प्राथमिक शालाओं व 9.6 प्रतिशत उच्च प्राथमिक शालाओं में शारीरिक शिक्षा के अध्यापक नहीं है. एमपी के 53.5 प्रतिशत प्राथमिक व 62.2 प्रतिशत उच्च प्राथमिक स्कूलों में खेल सामग्री तक नहीं बांटी गई है.

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