देश के 8 सांसद भी महाकाल-विश्वनाथ को जोड़ने का वादा पूरा नहीं कर पाए

उज्जैन
देश के दो प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों उज्जैन के महाकाल और वाराणसी के विश्वनाथ को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेल मंत्री पियूष गोयल और एमपी के 8 सांसद जनता से किया वादा पूरा नहीं कर पाए। जनता की डिमांड पर रेलमंत्री पियूष गोयल ने उज्जैन से वाराणसी के बीच सीधी ट्रेन चलाने की घोषणा की थी। मध्यप्रदेश सरकार ने भी विधानसभा में इसको लेकर एक अशासकीय संकल्प पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था पर ट्रेन नहीं चल सकी और वर्तमान लोकसभा की अवधि अवसान की ओर है। 

भोपाल सांसद आलोक संजर ने एक साल पहले केंद्र सरकार को पत्र लिखकर उज्जैन और वाराणसी के बीच ट्रेन चलाने को कहा था। देश के दो प्रमुख ज्योतिर्लिंग इन दोनों शहरों में हैं, जहां से श्रद्धालुओं को सीधी रेल सेवा देने के लिए सांसद संजर के प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश विधानसभा ने भी अशासकीय संकल्प पारित किया था। इसके पश्चात पिछले साल मार्च में रेलमंत्री पियूष गोयल ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की मौजूदगी में इन दोनों ज्योतिर्लिंग स्थलों तक ट्रेन चलाने की घोषणा की थी। अब जबकि लोकसभा चुनाव होने के लिए आचार संहिता लागू होने वाली है तो भी रेल मंत्रालय यहां ट्रेन नहीं चालू करा सका है। 

उज्जैन से वाराणसी के बीच ट्रेन चलाए जाने पर वह एमपी के आठ संसदीय क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। बीना से होकर जाने पर ये संसदीय क्षेत्र उज्जैन, देवास-शाजापुर, विदिशा, भोपाल, सागर, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा हैं। इटारसी रूट से जाने की दशा में सागर और दमोह संसदीय सीट के स्थान पर जबलपुर और होशंगाबाद संसदीय सीट इसमें आएंगे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव क्षेत्र वाराणसी है जहां काशी विश्वनाथ विराजे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि मध्यप्रदेश में तीन माह पहले तक भाजपा की सरकार थी। केंद्र में भाजपा की सरकार है और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी का शासन है। पीएम के अलावा यूपी के इलाहाबाद, बनारस और मिर्जापुर क्षेत्र के तीन संसदीय क्षेत्र भी आते हैं जिनमें भाजपा के सांसद हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *