सरकार को राहत, 7 साल के उच्च स्तर पर सर्विस सेक्टर की ग्रोथ

नई दिल्ली

    इकोनॉमी के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबरसर्विस सेक्टर की ग्रोथ सात साल के उच्चतम स्तर परनिक्केई/आईएचएस मार्किट के सर्वे से आई जानकारीविदेशी बाजार में बढ़ी मांग की वजह से सर्विस सेक्टर की ग्रोथ बढ़ी

इस हफ्ते आई लगातार दो नेगेटिव खबरों के बाद बुधवार को इकोनॉमी के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए एक अच्छी खबर आई है. एक सर्वे के मुताबिक फरवरी में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. विदेशी बाजार में बढ़ी मांग और मजबूत कारोबारी आत्मविश्वास की वजह से सर्विस सेक्टर की ग्रोथ बढ़ी है.

फरवरी महीने में निक्केई/आईएचएस मार्किट सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स 57.5 पर पहुंच गया है. जनवरी में यह 55.5 था. यह जनवरी 2013 के बाद सर्विस सेक्टर की सबसे ऊंची ग्रोथ है. इस सर्वे में 50 से ऊपर के अंक रहने का मतलब ग्रोथ होता है और इससे कम अंक रहने पर इसे गिरावट माना जाता है.

क्या कहा गया सर्वे में

आईएचएस मार्किट की प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट पॉलियाना डी लिमा ने कहा, 'घरेलू औरअंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों के लिए सर्विस सेक्टर के लिए मांग मजबूत है. नए कामों में सकारात्मक बढ़त का मतलब यह है कि मार्च में निजी क्षेत्र का उत्पादन और बढ़ेगा. इसकी वजह से अंतिम तिमाह‍ी का जीडीपी बेहतर हो सकता है.'

नए निर्यात कारोबार में जनवरी में पहली बार पिछले 11 महीने में विस्तार हुआ है. हालांकि कंपनियां इस गति से अपनी भर्ती का विस्तार नहीं कर पाई हैं.

डी लिमा ने कहा, 'सर्विस सेक्टर प्रोवाइडर्स को कामगारों की उत्पादकता बढ़ाने में सफलता हासिल हुई है. रोजगार में संयत बढ़त के बावजूद बिजनेस एक्ट‍िविटी में तेज बढ़त हुई है.

इस हफ्ते आई थीं दो नेगेटिव खबरें

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मोदी सरकार के लिए इकोनॉमी के मोर्चे पर एक साथ दो नेगेटिव खबरें आई थीं. एक तरफ आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने कोरोना के असर को देखते हुए इस साल यानी 2020 के लिये जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है, वहीं एक सर्वे के मुताबिक फरवरी महीने में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां सुस्त पड़ गई हैं.

वैश्विक संस्था आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने वर्ष 2020 के लिये भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया. इसके पहले OECD ने इसके 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. खतरनाक कोरोना वायरस के घरेलू के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.

फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग सुस्त

आईएचएस मार्किट के सर्वे के अनुसार भारत में फरवरी महीने में निक्केई मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) घटकर 54.5 फीसदी रह गया है. जनवरी महीने में यह 55.3 पर था. सर्वे केमुताबिक मांग और उत्पादन दोनों में कमी होने की वजह से पीएमआई में यह गिरावट आई है.

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