CAA विरोध: डंडा चलाकर नहीं, घर-घर जाकर समझा रही UP पुलिस

 अलीगढ़     
अलीगढ़ पुलिस सोशल पुलिसिंग के नए आयाम तय कर रही है। सीएए के विरोध में शहर में चल रहे दो बड़े आंदोलनों को यहां की पुलिस घर-घर दस्तक देकर समाप्त कराने में सफलता पाई है। अलीगढ़ पुलिस की यह नजीर दूसरे जिलों और राज्यों के लिए बहुत काम आ सकती है।

शहर में दो माह से धरना प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस के हर प्रयास विफल ही रहे हैं। कड़ी सुरक्षा और सख्ती के बावजूद 29 जनवरी को शाहीनबाग की तर्ज पर शाहजमाल में धरना भी शुरू हो गया, जो अब तक जारी है। शाहजमाल धरने के बावजूद भुजपुरा, दिल्ली व मथुरा हाईवे पर प्रयास तो शहर में ऊपरकोट, जमालपुर, अलीगढ़-अनूपशहर-मुरादाबाद नेशलन हाईवे पर एएमयू के चुंगी गेट और जीवनगढ़ में धरने शुरू हो गए। ऊपरकोट और जमालपुर के धरने हटाने के प्रयास में बवाल तक हो गया। इसके बाद चुंगी गेट और जीवनगढ़ से पुलिस चाहकर भी धरना हटवाने के लिए कदम नहीं उठा पा रही थी। ऐसे तनावपूर्ण माहौल में सोशल पुलिसिंग काम आई।

सोशल पुलिसिंग से लोगों के बीच गहराई पैठ
धरने पर बैठी महिलाओं व जमा भीड़ के साथ ही पुलिस ने आसपास रहने वालों पर शिकंजा कसना शुरू किया। बावजूद इसके स्थिति नहीं सुधर पाई बल्कि आक्रोश और बढ़ गया। इसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने संयुक्त रूप से सोशल पुलिसिंग के जरिए लोगों के बीच पैठ गहराना शुरू कर दिया। बातचीत शुरू करते ही पुलिस को सकारात्मक परिणाम मिलना शुरू हो गए। तीन दिन की बातचीत के बाद चौथे दिन यानि 29 फरवरी को आपसी सहमति से जीवनगढ़ में धरने पर बैठी महिलाएं थोड़ी ना नुकर के बाद धरनास्थल से हट गईं।

अब दोबारा न हो प्रयास, पुलिस दे रही घर-घर दस्तक
नागरिकता कानून के खिलाफ अब महिलाएं फिर किसी नए स्थान पर धरने पर न बैठें, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने चिह्नित इलाकों में घर-घर दस्तक देकर संपर्क करना शुरू किया है। पुलिस प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि लोगों खासकर महिलाओं से बातचीत की जा रही है। उनसे सीएए की जानकारी लेकर उनकी शंका को जाना जा रहा है। महिलाओं ने खुलकर अपना पक्ष रखना शुरू किया है, स्थिति स्पष्ट होने के बाद महिलाएं भी समझ रही हैं। पुलिस से वादा कर रही हैं कि अब वो किसी के बहकावे में आने वाली नहीं हैं।
 

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