शासन के पास पहुंची इंदौर कुलपति की जांच रिपोर्ट, कतार में भोज और विक्रम विवि

भोपाल
प्रदेश सरकार ने सूबे के तीन विवि के कुलपतियों को रडार पर ले रखा है। उनके खिलाफ जांच समितियां गठित हो गई हैं। कमेटियों ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजना शुरू कर दिया है। इसमें देवी अहिल्या विवि इंदौर के खिलाफ जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। विक्रम विवि उज्जैन और भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति की जांच अभी जारी है।  

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति नरेंद्र कुमार धाकड़ के खिलाफ शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर रखी है। इंदौर संभाग के अतिरिक्त संचालक केएन चतुर्वेदी, भोज विवि के रजिस्ट्रार  एचएस त्रिपाठी और विक्रम विवि के डिप्टी रजिस्ट्रार आरके बघेल शामिल थे। उन्होंने सभी दस्तावेजों का परीक्षण कर जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को सील बंद लिफाफे में सौंप दी है। रिपोर्ट में क्या है। इसकी जानकारी अभी तक किसी को नहीं लगी है। रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद एसीएस सलीना सिंह अपनी आगामी कार्रवाई तय करेंगी। कुलपति धाकड़ संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर को भर्ती कराने के लिए साक्षात्कार कर चुके थे, जिसके रिजल्ट तक पर तत्कालीन प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद जांच समिति गठित की गई थी।  

विक्रम विवि के कुलपति की योग्यता पर सवाल
विक्रम विवि में एसएस पांडे का इस्तीफा होने के बाद राजभवन ने बालकृष्ण शर्मा को कुलपति नियुक्त किया है। शासन उन्हें कुलपति के तौर पर देखना नहीं चाहता है। इसके लिए उन्होंने धारा 52 लगाने के लिए फाइल बनाकर राजभवन भेजा। राजभवन पहुंचे पैनल पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल स्वीकृति नहीं देना चाहती थीं, जिसके चलते उन्होंने प्रभारी कुलपति शर्मा को आपातकाल का कुलपति नियुक्त कर दिया। अब एक साल तक धारा 52 विवि पर लगी रहेगी। शासन कुलपति शर्मा को हटाने केलिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। इसमें एडी उज्जैन के साथ भोज विवि रजिस्ट्रार एचएस त्रिपाठी को रखा है। कमेटी उनको विवि में प्रशासनिक पदों पर रहने की योग्तया को परखने की जांच कर रही है। ये रिपोर्ट भी अप्रैल खत्म होने तक पूरी हो सकती है।

भोज कुलपति की पीएचडी पर सवाल
भोज विवि के कुलपति जयंत सोनवलकर के खिलाफ पीएचडी में कापी करने की शिकायत शासन से की गई थी। इसलिए शासन ने भोपाल संभाग की संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव को जांच का दायित्व सौंपा है। उनकी जांच भी लगभग पूरी हो चुकी है। इस सप्ताह वे अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप सकती हैं।  

 

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