वाइब्रेंट गुजरात: 21 लाख से ज्यादा नौकरियां!

गांधीनगर 
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने रविवार को कहा कि इस साल के 'वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन' के दौरान 28,360 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा कि इन समझौतों से 21 लाख से अधिक रोजगार के सृजन की संभावना है। हालांकि, रुपाणी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन एमओयू के जरिए राज्य को कितनी राशि का निवेश हासिल हुआ।  

तीन दिनों तक चले इस सम्मेलन के समापन सत्र में रुपाणी ने कहा, 'इस कार्यक्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार हुआ है क्योंकि कई बड़े निवेश की घोषणा हुई है और प्रतिबद्धता जाहिर की गई है। इससे रोजगार का सृजन होगा। गुजरात विश्व के लिए (भारत का) प्रवेश द्वार और हर किसी के लिए एक आदर्श मंच बन गया है। यह सम्मेलन कारोबार और व्यापार के साथ-साथ सामाजिक उत्थान का मंच भी बन गया है।' 

'21 लाख रोजगार सृजन की उम्मीद' 
रुपाणी ने कहा, '28,360 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए और इससे राज्य में 21 लाख रोजगार का सृजन होगा। 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हर दूसरे साल वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के आयोजन के निर्णय के बाद राज्य निवेश के लिए सबसे पसंदीदा स्थान के रूप में उभरा है। 2003 में पहले शिखर सम्मेलन में अधिक कारोबारी घरानों ने हिस्सा नहीं लिया। नौवें सम्मेलन में प्रधानमंत्री का सपना पूरी तरह साकार हुआ। यह कार्यक्रम ज्ञान साझा करने और नेटवर्क विकसित करने का आदर्श मंच बन गया है।' 

उन्होंने दावा किया कि सम्मेलन से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को वैश्विक प्रतिस्पर्धा का अवसर मिला। गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि कुल 28,360 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, इनमें से अकेले एमएसएमई क्षेत्र में 21,889 समझौते किये गए। सम्मेलन को सफल करार देते हुए पटेल ने कहा कि 42,000 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। 

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