वचन पत्र के एक-एक वचन को पूरा करने के लिए कमलनाथ ने लगाई फिजूलखर्ची पर रोक

भोपाल
मंत्रियों को विभागों का बटवारा करने के बाद अब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वचनपत्र को पूरा करने विभागों में फिजूलखर्ची पर रोक लगा दी है। इसकी शुरुआत उन्होंने अपने मंत्रियों से की है। मंत्रियों के लिए दस नए वाहन खरीदे जाने थे।  इसकी अनुमति मिलती इससे पहले ही मुख्यमंत्री ने सभी विभागों में नई गाड़ियों की खरीदी पर रोक लगा दी है।

मंत्री बनने के बाद सभी मंत्रियों को पूर्व मंत्रियों द्वारा उपयोग किए जा रहे वाहन ही आबंटित् किए गए है। लेकिन अधिकांश मंत्री चाहते है कि उन्हें नए वाहन आबंटित किए जाए। चार मंत्रियों ने तो वाहन मिलते ही नए वाहनों की डिमांड कर दी थी। मंत्रियों के लिए दस नए वाहन खरीदी का प्रस्ताव भी वित्त विभाग के पास भेज दिया गया था। लेकिन मंत्रियों के लिए नए वाहनों की खरीदी पर भी रोक लग गई है।

 मुख्यमंत्री कमलनाथ वचन पत्र के एक-एक वचन को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है लेकिन सरकारी खजाना खाली है। लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में आमजनता पर नए टैक्स लगाकर कांग्रेस सरकार कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहती। इसलिए सबसे बेहतर तरीका यही सामने था कि गैर जरुरी खर्चो पर रोक लगाई जाए ताकि विभिन्न कार्यक्रमों, योजनाओं, परियोजनाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर बजट का उपयोग किया जा सके। राज्य सरकार पर एक लाख 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष के लिए जो बजट फिलहाल उपलब्ध है  उसका संतुलित उपयोग सरकार को करना है।

सभी विभागों में 31 मार्च 2019 तक नई गाड़ियों और उपकरणों की खरीदी पर रोक लगा दी है। गवर्नमेंट प्रेस से छपने वाले डायरी-कैलेण्डर की छपाई को छोड़कर अन्य विभागों, निगम-मंडलों में इस बार नई डायरी-कैलेण्डर भी नहीं छपवाए जा सकेंगे।

विभिन्न सरकारी महकमों में कार्यालय के खर्चो, व्यावसायिक सेवाओं के भुगतान, भवन, मशीनरी , वाहन, उपकरणों के रखरखाव, सामग्री खरीदी एवं पूर्ति पर विभाग उतनी ही राशि खर्च कर सकेंगे जितनी पिछले साल खर्च की थी या विभाग में इनके लिए जो आबंटित बजट उपलब्ध है इनमें से जो कम हो।

विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाएं,केन्द्रीय सहायता प्राप्त परियोजनाएं, केन्द्रीय क्षेत्रीय परियोजनाएं, केन्द्र प्रवर्तित और केन्द्र से सहायता प्राप्त योजनाएं, पेयजल से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए केन्द्रीय अनुदान। छात्रावास, आश्रम, विद्यालय, अस्पताल, जेल, पशु चिकित्सालय, आंगनबाड़ी संचालन हेतु दवा, खाद्य सामग्री की पूर्ति, अस्पतालों में उपचार के लिए उपयोगी सामग्री।

 

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