बुलेट ट्रेन नहीं रिक्शेवालों की है मेरी सरकार: ठाकरे

नागपुर
महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन  मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पूरी तरह से छाए रहे। बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस सहित बीजेपी के विधायकों ने जमकर ठाकरे सरकार की खामियां सदन में रखीं थी। गुरुवार को सदन में जवाब देते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह सरकार बुलेट ट्रेन वालों की नहीं, गरीबों की है। ठाकरे ने नागरिकता कानून पर भी बीजेपी को घेरते हुए कहा कि जिन शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी, उन्हें कहां बसाया जाएगा।

चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा था, 'यह तीन पहिए की सरकार है। यह सरकार अधिक दिन तक चलने वाली नहीं है।' इस पर मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, 'हां यह तीन पहिया वाली रिक्शा चालकों, गरीबों और आम जनता की सरकार है, यह सरकार बुलेट ट्रेन वालों की नहीं है। तीन पहिए का रिक्शा आम आदमी की पहुंच में है लेकिन बुलेट ट्रेन आम गरीब आदमी की पहुंच में नहीं है।' उद्धव ठाकरे ने फडणवीस पर पलटवार करते हुए कहा कि 'मेक इन इंडिया' के बाद नोटबंदी और जीएसटी के कारण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई है। धर्म और राजनीतिक एकसाथ करने की गलती बीजेपी ने की है।

'हमेशा बीजेपी की पालकी नहीं ढोएंगे'
शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैंने बालासाहेब ठाकरे को कहा था कि बीजेपी की पालकी हमेशा नहीं ढोएंगे। मैंने ऐसा कभी नहीं कहा था कि शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस का सहारा नहीं लेंगे। बालासाहेब को मैंने वचन दिया था कि शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाऊंगा, वह वचन पूरा किया है। इसके आगे भी जो वचन दिया है, उसे पूरा करने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकता हूं।' मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा हम काम करने के लिए एकत्र हुए हैं। संत गाडगेबाबा का उपदेश अब मंत्रालय में लगाने वाले हैं। गाडगेबाबा कहते हैं कि धर्म कभी कहने की बात नहीं है, वह धर्म ग्रंथ में नहीं होता है, वह जीवन होता है।

'चायवाले से ज्यादा केतली गरम'
राज्य के पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार पर तंज कसते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि सुधीर भाऊ सब्र रखो। फडणवीस के काम का उल्लेख करते हुए कहा कि आप से अर्थशास्त्र सीखना है। पार्टी मुखपत्र का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि चाय से अधिक केतली गरम हो सकती है लेकिन केतली से अधिक पोछने वाला कपड़ा गरम होने लगा, इस पर आश्चर्य होता है।

सावरकर के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा
सावरकर के मामले में भी मुख्यमंत्री ठाकरे ने बीजेपी को घेरा। ठाकरे ने कहा, 'स्वतंत्र्यवीर सावरकर का संपूर्ण हिंदुत्व है, उन्होंने गाय के संबंध में जो कहा है वह बीजेपी को मंजूर है क्या? बीजेपी गोवंश हत्या कानून लाई लेकिन यह कानून देशभर में लागू हुआ क्या?' गोवंश हत्याबंदी कानून को लेकर गोवा का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवा के दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि गोमांस की कमी नहीं होने देंगे। इसी प्रकार बीजेपी नेता किरन रिजीजू ने कहा था कि मैं बीफ खाऊंगा।

नागरिकता कानून पर भी बीजेपी को घेरा
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर उद्धव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए सवाल किया, 'मैं जानना चाहूंगा कि अन्य देशों से आने वाले हिंदुओं को कहां और कैसे बसाया जाएगा। मुझे नहीं लगता कि केंद्र के पास इस संबंध में कोई योजना है।' मुख्यमंत्री ठाकरे ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बेलगांव सीमा विवाद का भी जिक्र किया और आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई के दौरान केंद्र सरकार ने कर्नाटक का साथ दिया और महाराष्ट्र को नजरअंदाज कर दिया। यह पिछले पांच साल से चल रहा है और सभी को अंधेरे में रखा गया।'

बीजेपी ने किया सदन से वॉकआउट
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहीं भी किसानों को प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये मुआवजा देने की बात नहीं कही। कई सवाल ऐसे थे, जिनका हमें उत्तर नहीं मिला।

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