मिशन 2022: लखनऊ में घर तलाश रहीं प्रियंका गांधी, UP कांग्रेस से हैं नाखुश

 लखनऊ
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी हाल में यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं के पार्टी लाइन से अलग राह पकड़ने से नाखुश हैं। यही वजह है कि अब वह पार्टी को फिर से एकजुट करने के लिए लखनऊ में ही डेरा जमाने की तैयारी में हैं। बताया जा रहा है कि इसके लिए प्रियंका गांधी लखनऊ में आवास तलाश रही हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी रणनीति बनाने और संगठन मजबूत करने के साथ ही लखनऊ में रहकर प्रियंका राज्य में ज्यादा समय भी बिताना चाहती हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी के लिए आवास की तलाश लखनऊ में जोरों पर है। एक विकल्प पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मामी शीला कौल का लखनऊ में गोखले मार्ग स्थित घर है। 2 अक्टूबर को प्रियंका जब लखनऊ गई थीं तो एयरपोर्ट से सीधे गोखले मार्ग ही गई थीं ताकि घर देख सकें।

नए नेताओं पर अब फोकस करेगी कांग्रेस
आमतौर पर प्रियंका या गांधी परिवार के दूसरे सदस्य रायबरेली में ठहरते हैं, लेकिन पार्टी नेताओं का कहना है कि लखनऊ में घर होने से प्रियंका और पार्टी, दोनों को सहूलियत होगी। उधर, प्रियंका ने अब निर्देश दिया है कि पार्टी दूसरे दलों के नेताओं को अपने साथ जोड़ने के बजाय नए लोगों को राजनीति में लाने पर फोकस करेगी। इसके पीछे यह सोच बताई गई है कि निहित स्वार्थों के कारण पार्टी में आने वालों का स्वागत करने के बजाय विचारधारा के स्तर पर विस्तार किया जाए।

पार्टी लाइन से अलग तो होगी कार्रवाई
उधर, पार्टी लाइन से अलग राह पकड़ने वाले नेताओं के खिलाफ प्रियंका ने कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि प्रियंका के कहने पर अदिति को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यूपी सरकार की ओर से 2 अक्टूबर को बुलाए गए विधानसभा के विशेष अधिवेशन में रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह के जाने के बाद प्रियंका ने यह निर्देश दिया। कांग्रेस ने अपने विधायकों को इस अधिवेशन से दूर रखा था। अदिति ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निष्क्रिय किए जाने का भी समर्थन किया था।

अदिति सिंह पर नहीं किया जा रहा विचार
सूत्रों ने बताया कि उन्हें अदिति की बीजेपी से नजदीकी बढ़ने की जानकारी थी और इसी वजह से प्रदेश कांग्रेस कमिटी की नई टीम बनाते समय उनके नाम पर विचार नहीं किया गया था। नई पीसीसी का ऐलान अभी नहीं किया गया है।

रमाकांत यादव ने भी छोड़ दी है पार्टी
इस बीच, पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश कद्दावर नेता रमाकांत यादव ने पार्टी छोड़ दी है। आजमगढ़ में सक्रिय रहे और भदोही से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रमाकांत यादव ने रविवार को समाजवादी पार्टी में वापसी कर ली। एसपी में उनके जाने की चाहत भांपकर कांग्रेस ने उन्हें पिछले हफ्ते पार्टी से बाहर कर दिया था।

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