लॉकडाउन: टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने अलग-अलग प्रकार के कैंसर के लिए 494 सर्जरी की  

 मुंबई
दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में है। ऐसे में अन्य सभी बीमारियों के इलाज कहीं पीछे छूट गए हैं। कैंसर भी ऐसी ही घातक बीमारियों में से एक है। ऐसे वक्त में मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने लॉकडाउन के दौरान कैंसर के 494 मरीजों का ऑपरेशन कर एक मिसाल पेश किया है। इनमें से कई मरीज तो अधिक उम्र, डायाबीटिज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थितियों से ग्रस्त हैं, जो उन्हें Covid-19 के लिहाज से संवेदनशील बनाती है।

देशव्यापी लॉकडाउन शुरू होने के 5 सप्ताह के दौरान अलग-अलग प्रकार के कैंसर के लिए 494 सर्जरी की गई। अस्पताल का यह कारनामा दुनिया के प्रतिष्ठित सर्जिकल जर्नल ‘एनल्स ऑफ सर्जरी’ में शामिल किया गया है। हॉस्पिटल के डेप्युटी डायरेक्टर डॉक्टर शैलेष श्रीखंडे ने कहा, 'किसी की भी जान नहीं गई। केवल 6 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए लेकिन उन्हें भी आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ी।'

अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, लॉकडाउन शुरू होने के समय देश के कई हिस्सों से मरीज इलाज के लिए अस्पताल आए हुए थे। वे लॉकडाउन के कारण यहां फंस गए। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में अस्पतालों की ओपीडी तक बंद कर दी गई थीं। जब टाटा अस्पताल के डॉक्टरों को इलाज के लिए बाहर से आए मरीजों के बारे में पता चला, तो उन्होंने बिना वक्त गंवाए उनकी सर्जरी करने का फैसला लिया।

अस्पताल के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉक्टर शैलेश वी. श्रीखंडे ने बताया, ‘लॉकडाउन की शुरूआत में इमर्जेंसी सेवाएं ही चालू थीं। चूंकि इन सभी मरीजों को हॉस्पिटल में सर्जरी करने की तारीख पहले से दी जा चुकी थी, इसलिए हमने इनकी सर्जरी करने का फैसला लिया। हमें पता था अगर एक बार यह जाने के बाद उन्हें दोबारा अस्पताल में आने में बहुत मुश्किल होगी। इसीलिए हमने कोरोना जांच कराने के बाद उनकी कैंसर सर्जरी की।’

उन्होंने बताया, ‘इस दौरान ब्रेस्ट से पेट तक की सर्जरी की गईं। इतने मुश्किल वक्त में भी मरीजों की बेहतरी के लिए अस्पताल के इस काम को दुनिया के मशहूर सर्जिकल जर्नल एनल्स ऑफ सर्जरी में प्रकाशित किया गया।’

64% मरीज बाहर के
जिन कैंसर मरीजों की लॉकडाउन के दौरान सर्जरी की गई, उनमें से 64 प्रतिशत मुंबई और महाराष्ट्र से बाहर के थे। राज्य के केवल 36 प्रतिशत मरीज थे। उनमें कई बच्चे भी शामिल थे। डॉक्टर श्रीखडे ने बताया, ‘सर्जरी होने के बाद 5 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई, हालांकि उनकी स्थिति भी अब सुधर चुकी है।’
 

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