मेरठ में जन्मे अमेरिकी डॉक्टर अंकित भरत ने मेडिकल की दुनिया में रच दिया इतिहास  

मेरठ
उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे अमेरिकी डॉक्टर अंकित भरत ने मेडिकल की दुनिया में इतिहास रच दिया। भरत अमेरिका के एक अस्पताल में सर्जनों की एक टीम का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने कोरोना के एक मरीज पर फेफड़ों के दोहरे प्रत्यारोपण (डबल लंग ट्रांसप्लांट) में सफलता हासिल की है। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों को ऐसा करने में पहली बार सफलता मिली है।

डॉ. भरत ने जिस मरीज पर इस ट्रीटमेंट को अजमाया है वह 20 साल की एक युवती है। कोरोना वायरस की वजह से उसके फेफड़े बेकार हो गए थे। हालांकि, डॉ. भरत के लिए इतिहास रचने का यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने पहली बार रोबोट की मदद से फेफड़ों की सर्जरी की थी।

5 जून को किया था ट्रांसप्लांट
40 साल के भरत शिकागो के नॉर्थवेस्टर्न मेमोरियल अस्पताल में थोरैसिक सर्जरी के प्रमुख और फेफड़ों के प्रत्यारोपण कार्यक्रम के सर्जिकल निदेशक हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित युवती का लंग ट्रांसप्लांट 5 जून को किया गया था लेकिन अस्पताल ने गुरुवार को इसका खुलासा किया। डॉक्टर ने बताया, 'डबल लंग ट्रांसप्लांट सबसे जटिल प्रक्रियाओं में से एक है। मैंने हाल ही में कई प्रत्यारोपण किए हैं लेकिन इसमें काफी ज्यादा जोखिम था।'

भरत ने कहा कि डबल लंग ट्रांसप्लांट करने से पहले हमें यह स्पष्ट कर लेना था कि मरीज के भीतर वायरस पूरी तरह से समाप्त हो गए हैं। इसके लिए हमने कुछ-कुछ दिनों पर बार-बार मरीज का कोविड टेस्ट किया था। हमनें सर्जरी की शुरुआत तब की जब चार कोरोना रिपोर्ट्स निगेटिव पाए गए। उन्होंने बताया कि मरीज की हालत पहले से ठीक नहीं थी। यह हमारे लिए एक और जोखिम भरा तथ्य था। उसके शरीर के अन्य हिस्से भी कोरोना के संक्रमण से प्रभावित होने लगे थे।

समय पर मिल गया डोनर
डॉक्टर ने बताया कि इसके बाद मरीज की हालत में सुधार का इंतजार किया गया। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया ताकि उसके दिल और फेफड़े को सपोर्ट मिले। उन्होंने कहा कि इस सर्जरी में मरीज की किस्मत ने भी अहम भूमिका निभाई। चौथी कोरोना रिपोर्ट आने के दो दिन के भीतर ही मरीज के लिए डोनर मिल गया। एक ब्रेन डेड शख्स के फेफड़ों को प्रत्यारोपण के लिए इस्तेमाल किया गया। डॉक्टर ने बताया कि युवती की हालत अब ठीक है और वह तेजी से रिकवर हो रही है। उसने अपने दोस्तों और परिवार वालों से वीडियो कॉल के जरिए बात की, जिससे उसकी हालत में सुधार का अंदाजा लगाया जा सकता है।

डॉक्टर ने कहा कि इस सर्जरी में सफलता ने दूसरे कोविड मरीजों के लिए उम्मीद जगाई है। कोरोना वायरस के कारण जिनके फेफड़े खराब हो गए हैं, उनके लिए यह चिकित्सा पद्धति आशा की किरण है।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *