लापरवाही पर फिर गिरी गाज, सहकारिता उपायुक्त निलंबित

भोपाल
मध्यप्रदेश में लापरवाहों पर एक के बाद एक कार्रवाई की जा रही है।अब राज्य शासन ने उपायुक्त सहकारिता एवं भोपाल सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के तत्कालीन प्रबंध संचालक आर. एस. विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई बैंक राशि के विनियोजन में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर की गई है।  निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय आयुक्त, सहकारिता कार्यालय रहेगा।विश्वकर्मा वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ में कार्यरत हैं।

विश्वकर्मा ने नॉन एस एल आर विनियोजन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड के निर्देशानुसार बैंक की राशि का विनियोजन नहीं किया। साथ ही प्रतिबंधित कंपनियों में विनियोजन कर बैंक की पूंजी को असुरक्षित किया। विश्वकर्मा वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ में कार्यरत हैं।बताया जा रहा है कि विश्वकर्मा ने बैंक की 331 करोड़ रुपए की राशि का विनियोजन भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड के निर्देशानुसार नहीं किया। यह राशि सरकारी बैंकों में निवेश की जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

दरअसल, विश्वकर्मा ने हाई रिस्क के साथ व्यावसायिक पेपर पर प्रतिबंधित आईएलएफएस कंपनी में 118 करोड़ रुपए का निवेश किया, जिससे मुनाफा नहीं होने की जानकारी पहले से थी। यह कंपनी डिफाल्टर हो गई और भोपाल सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के 118 करोड़ रुपए डूब गए। विश्वकर्मा ने इसके साथ अडानी ग्रुप में भी 150 करोड़ व अन्य निजी क्षेत्र की वित्तीय संस्थाओं में बाकी रकम डाली। इस रकम की भी रिकवरी अभी सही तरीके से नहीं हो पाई है। लिहाजा, राज्य सरकार ने विश्वकर्मा को शनिवार को फिलहाल निलंबित कर दिया।

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