अगर पुजारी बनना है तो पास करना होगी परीक्षा, कमलनाथ सरकार का फैसला

उज्जैन 
मध्य प्रदेश सरकार ने मंदिर-मठ और देवस्थानों में पुजारियों की नियुक्ति के मानक तय कर दिए हैं. पुजारियों की नियुक्ति वंश के आधार पर होगी और इसके लिए पूजा विधि का प्रमाण पत्र परीक्षा पास करना ज़रूरी होगा. सरकार का ये फैसला हिंदू मंदिरों के साथ उन सभी धार्मिक स्थानों के लिए है जहां पूजा होती है.

मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपना एक और वचन पूरा करते हुए मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति के मानक तय किए हैं. नए मानकों के मुताबिक पुजारियों की नियुक्ति वंश परंपरा के आधार पर होगी. पुजारी की नियुक्ति के लिए कम से कम आठवीं पास होना ज़रूरी है.

सरकार ने पुजारियों के लिए जो मानक तय किए हैं उसमें –

  1. पुजारियों की नियुक्ति वंश परंपरा के आधार पर होगी
  2. कोई भी मांसाहारी या शराबी, मंदिर का पुजारी नहीं बन सकेगा
  3. पुजारी के लिए पूजा विधि का सर्टिफिकेट कोर्स पास करना ज़रूरी होगा
  4. पुजारी के लिए कम से कम 18 वर्ष की उम्र और 8वीं पास होना ज़रूरी
  5. संबंधित व्यक्ति मंदिर की ज़मीन हड़पने या बेचने का आरोपी ना हो
  6. पिता के पुजारी होने पर उसके बेटे या उसी वंश के व्यक्ति को वरीयता दी जाएगी
  7. पुजारी के लिए आवेदन संबंधित इलाके के एसडीएम को देना होगा
  8. नियुक्ति से पहले 15 दिन तक दावे आपत्तियां मांगी जाएंगी
  9. अनापत्ति होने पर पटवारी, नायब तहसीलदार और तहसीलदार मंज़ूरी के बाद पुजारी की नियुक्ति कर दी जाएगी

पुजारियों की नियुक्ति के बारे में इससे पहले तब विवाद खड़ा हो गया था जब शिवराज सरकार ने सभी वर्गों के लोगों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव दिया था. कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में वायदा किया था कि पुजारियों की नियुक्ति वंश परंपरा के आधार पर होगी.

खास बात ये है कि सरकार ने पुजारियों की नियुक्ति के नियम देवस्थान के आधार पर बनाए हैं यानि मंदिर, मठ के अलावा अन्य धर्मों के ऐसे देवस्थान भी नियम के दायरे में आएंगे जहां पूजा पाठ होता है और उन्हें सरकार से अनुदान दिया जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *