रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर: 22 वीआईपी ट्रेन में बढ़ेगा एक रिजर्व कोच

गोरखपुर
रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही हर एलएचबी रेक वाली ट्रेन में एक-एक अतिरिक्त आरक्षित कोच बढ़ जाएंगे। यह सब संभव होगा एचओजी यानी हेड ऑन जेनरेशन तकनीक से।

इस तकनीक के जरिए इंजन से सीधे बोगियों में पावर दिया जाएगा ताकि बोगियों में एसी, पंखे, लाइट बिना पावर कार के चल सकें। ऐसा हो जाने से एक तरफ का पावर कार हटाकर आरक्षित कोच लगा दिया जाएगा। इससे सीधे तौर पर यात्रियों को फायदा होगा।

पूर्वोत्तर रेलवे इस इन दिनों 22 वीआईपी ट्रेन एलएचबी रेक से चल रही हैं। इनमें गोरखधाम, जम्मूतवी, यशवंतपुर, कुशीनगर, पुष्पक और हमसफर एक्सप्रेस शामिल हैं। इनमें एक-एक आरक्षित कोच बढ़ जाएंगे।

वर्तमान में सभी एलएचबी रेक वाली ट्रेन में दो कोनों पर पावर कार लगे होते हैं जो बोगियों में पावर सप्लाई करती हैं। इससे ट्रेन में आवाज भी आती है और यात्रियों का एक कोच भी कम हो जाता है।

इस सिस्टम से पूर्वोत्तर रेलवे से जाने वाली एलएचबी रेक की ट्रेनों में सीधे तौर पर करीब तीन हजार यात्रियों को फायदा होगा। इन यात्रियों को आराम से बर्थ मिल सकेगी। पूर्वोत्तर रेलवे में उपकरण लगाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।

नई तकनीक पर्यावरण के अनुकूल भी होगी, क्योंकि न तो इससे ध्वनि प्रदूषण होगा और न ही वायु प्रदूषण। इससे हर ट्रेन से कार्बन उत्सर्जन में भी हर साल 34 टन की कमी आएगी।

सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा, "एसी और नान एसी एलएचबी बोगियों को एचओजी युक्त बनाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे हर एलएचबी रेक वाली ट्रेनों से एक पावर कार हटा दिया जाएगा। इससे डीजल की भी बचत होगी और यात्रियों को भी सहूलियत होगी।"

 

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