प्रयागराज में गंगा-बेलन पर बनेंगे दो नए घाट, तीर्थस्थलों का होगा कायाकल्प

प्रयागराज
प्रयागराज में गंगा और बेलन नदी के तटवर्ती तीर्थों को पर्यटन मानचित्र पर उभारा जाएगा। गंगा पर शिवकुटी में और सिंधु घाटी की समकालीन बेलन नदी घाटी सभ्यता से पर्यटकों को जोड़ने के लिए बढ़वारी खुर्द में घाट निर्माण कराए जाएंगे। इन घाटों पर साज-सज्जा के साथ पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

इसके साथ ही तीर्थ स्थलों, मंदिरों को सजाया-संवारा जाएगा, ताकि कुंभनगरी में नए पर्यटन स्थलों के विकास को गति दी जा सके। इसके लिए सौ करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना तैयार की गई है। शिवकुटी में गंगा किनारे घाट निर्माण व सौंदर्यीकरण की योजना बनाई गई है।

15 करोड़ रुपये की लागत से घाट निर्माण के अलावा पार्किंग, लंबी सीढ़ियां, छतरियां व यात्री विश्राम स्थल बनाया जाएगा। इससे यहां पर स्थित शिवकुटी नारायण आश्रम की शिव कचहरी पर आध्यात्मिक पर्यटन को गति मिलने की उम्मीद है। पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1865 में नेपाल के राजा जनरल पदुम जंग बहादुर शिवकुटी आए थे। यहां नेपाल नरेश का किला और कोठी अब भी मौजूद है।

उस दौरान नेपाल के राजा ने ही शिवकुटी में 251 शिवलिंगों की शिव कचहरी का निर्माण कराया था। वर्ष भर में इस कचहरी का दर्शन करने के लिए देश भर से 10 लाख से अधिक पर्यटक आते रहे हैं। घाट निर्माण के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है।

इसी तरह मांडा ब्लाक के बढ़वारी खुर्द गांव में बेलन नदी के तट पर 10 करोड़ रुपये की लागत से घाट निर्माण कराया जाएगा। यहां नदी तट पर स्थित प्राचीन शोभनाथ मंदिर को सजाने-संवारे की योजना है। इसके तहत सोलर लाइट, बेंचेज, पर्यटक आराम गृह के अलावा साइनेज निर्माण कराया जाएगा।

पर्यटन विभाग के अफसरों के मुताबिक शोभनाथ मंदिर सिंधु सभ्यता की समकालीन बेलन नदी घाटी सभ्यता के अवशेष जहां मिले हैं, उससे सिर्फ दो किमी दूरी पर स्थित है। मंदिर परिसर में एक खंभा भी मिला है, जिस पर कोई लिपि वर्णित है,लेकिन अभी तक उसे पढ़ा नहीं जा सका है।

इसी तरह फूलपुर के सारी पट्टी में फुटहवा महादेव, शृंगवेरपुर धाम निषादराज पार्क, शंकरगढ़ के लालापुर में मनकामेश्वर मंदिर, ककरा दुबावल में दुर्वासा ऋषि आश्रम, हंडिया में लाक्षागृह किलाकोट को पर्यटन विकास की दृष्टि से सजाने-संवारने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

पर्यटन उप निदेशक दिनेश कुमार ने इसे लेकर कहा कि मुख्य मंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत विधानसभावार तीर्थों, मंदिरों और नदी तटों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। ऐेसे ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व के स्थलों को चिह्नित कर प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस योजना के तहत प्रयागराज के धार्मिक स्थलों का कायाकल्प किया जाएगा।

 

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