राज्य सरकार ने बाल शिक्षा का अधिकार के नियमों में किया बदलाव

भोपाल
राज्य सरकार ने नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार के नियमों में संशोधन कर दिया है। इसके तहत स्कूलों में बनाई जाने वाली समितियों में अब पचास प्रतिशत महिलाएं होंगी। इसमें भी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष महिला होगी।

स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए है।  इसके तहत प्रत्येक स्कूल में बनाई जाने वाली समिति में 18 सदस्य होंगे। उनमें से कम से कम तीन चौथाई स्कूल में नामांकित बच्चों के पालकों या अभिभावकों में से समिति के सदस्य होंगे। वंचित समूह और कमजोर वर्ग से संबंधित बच्चों के पालकों या अभिभावकों का समिति में प्रतिनिधित्व कुल नामांकित बच्चों के अनुपात में होगा।

समिति के सदस्यों में पचास प्रतिशत महिलाएं होगी। समिति में एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष होगा। इनका निर्वाचन समिति के निर्वाचित पालकों या अभिभावकों में से किया जाएगा। यदि अध्यक्ष महिला नहीं है तो उपाध्यक्ष कोई महिला ही होगी। दो सदस्य स्थानीय प्राधिकारण के निर्वाचित प्रतिनिधि होंगे। प्रधान शिक्षक या स्कूल के वरिष्ठतम महिला शिक्षक, समिति की सदस्य होंगी। प्रधान शिक्षक या वरिष्ठतम शिक्षक समिति का पदेन सदस्य सचिव होगा।

समिति के 18 सदस्यों में से 14 सदस्य जिनमें सात महिला सदस्य शामिल होंगे। स्कूल में नामांकित बच्चों के पालकां या अभिभावकों में से होंगे। शैक्षणिक वर्ष के प्रारंभ में समिति का सदस्य सचिव स्कूल में नामांकित वंचित समूह और कमजोर वर्ग से संबंधित बालकों के पालकों या अभिभावकों के 14 सदस्यें को आनुपातिक रुप से तय करेगा। समिति में शामिल होंने वाले पालकों अभिभावकों की संख्या का वर्गीकरण स्कूल के सूचना पट्ट पर प्रदर्शित् किया जाएगा।कक्षा एक से कक्षा आठ में शाला प्रबंधन समिति के पालक सदस्यों में से उसके प्राथमिक खंड कक्षा एक से पांच और मिडिल खंड कक्ष छह से कक्षा आठ का समान प्रतिनिधित्व रखा जाएगा। इसमें भी वंचित समूह, कमजोर वर्ग और अन्य के आनुपातिक प्रतिनिधित्व का निर्धारण अलग-अलग किया जाएगा।

 नगरीय क्षेत्रों में उस वार्ड का पार्षद और ग्रामीण क्षेत्रों में उस वार्ड का पंच सदस्य होगा। नगरीय क्षेत्राउें में निकाय के महापौर और अध्यक्ष द्वारा नाम निर्दिष्ट एक महिला पार्षद तथा ग्रामीण क्षेत्रों में उस ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा नामांकित एक महिला पंच सदस्य होगी। स्कूल का प्रधान शिक्षक या वरिष्ठ शिक्षक और स्कूल की वरिष्ठतम महिला शिक्षक भी इसमे सदस्य बनेंगे। इसमें भी एक ग्रेड वाले बच्चों के पालकों को शामिल किया जाएगा। चयन मतदान से होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *