रणजी का रण आज से, 20 हजारी बनने उतरेंगे जाफर

नई दिल्ली
रणजी ट्रॉफी का नया सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है जिसमें 38 टीमें प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट में विजेता बनने के लिए जोर आजमाइश करेंगी। इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले एक टीम का इजाफा हुआ है।

विदर्भ के 41 वर्षीय अनुभवी बल्लेबाज वसीम जाफर पर सबकी निगाह लगी होंगी जिन्होंने पिछले सीजन में अपनी टीम को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।

इस सीजन का पहला मैच जाफर के करिअर का 150वां रणजी मैच होगा। वह इसके साथ इस टूर्नामेंट में सबसे अधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी बन जाएंगे। अभी उनके नाम प्रथम श्रेणी में 19147 रन हैं। वह बीस हजार रन पूरे करने से महज 853 रन दूर हैं। टीम इंडिया के लिए 31 टेस्ट खेल चुके जाफर ने बीते सीजन में 1037 रन बनाए थे।  प्रथम श्रेणी क्रिकेट में जाफर के नाम 57 शतक हैं। 314 उनका सर्वोच्च व्यक्तिगत योग रहा है।

मैच का कार्यक्रम-9-12 दिसंबर

  •     आंध्र बनाम विदर्भ, विजयवाड़ा
  •     उत्तर प्रदेश बनाम रेलवे, मेरठ
  •     हरियाणा बनाम महाराष्ट्र, रोहतक
  •     उत्तराखंड बनाम जेएंडके, देहरादून
  •     चंडीगढ़ बनाम अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़
  •     केरल बनाम दिल्ली, थुंबा
  •     राजस्थान बनाम पंजाब, जयपुर
  •     हिमाचल बनाम सौराष्ट्र, धर्मशाला
  •     बड़ौदा बनाम मुंबई, वडोदरा

बन सकते हैं ये रिकॉर्ड
853 रन दूर हैं वसीम जाफर प्रथम श्रेणी करिअर में 20 हजार रन पूरा करने से। तीन कैच अगर जाफर और पकड़ते हैं तो रणजी ट्रॉफी में 200 कैच लपकने वाले पहले फील्डर हो जाएंगे

50वें शतक से एक कदम दूर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा अब तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 49 शतक लगा चुके हैं। अगर इस सीजन में वह एक शतक और लगाते हैं तो नौवें बल्लेबाज बनेंगे जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 50 या उससे ज्यादश शतकीय पारी खेलीं।
 
चार सौ विकेट पूरे कर सकते हैं विनय
कर्नाटक के पूर्व कप्तान और अब पुड्डुचेरी की ओर से खेलने वाले अनुभवी गेंदबाज विनय कुमार को रणजी करिअर में 400 विकेट पूरे करने के लिए तीन विकेट की और जरूरत है। राजस्थान के पंकज सिंह (409) ऐसे एकमात्र तेज गेंदबाज हैं जिन्होंने रणजी में 400 विकेट लिए हैं।

लगातार छह जीत हैं बिहार के खाते में
बिहार की टीम ने पिछले सीजन में लगातार छह जीत हासिल की थी। रणजी ट्रॉफी में लगातार जीत का रिकॉर्ड बॉम्बे (मुंबई) के नाम है जिन्होंने 1961-62 से 1962-63 तक लगातार आठ मैच जीते थे।

विदर्भ के पास खिताब की हैट्रिक का मौका
पिछली बार विदर्भ की टीम ने सौराष्ट्र को हराकर अपना खिताब सुरक्षित रखा था। ऐसा करने वाली विदर्भ घरेलू क्रिकेट में केवल छठी टीम बनी थी। दरअसल पिछली बार मुंबई, दिल्ली, तमिलनाडु और बंगाल जैसी टीम नॉकआउट दौर में पहुंचने में विफल रही थीं।

ऐसा 68 साल में पहली बार हुआ था। कई पुराने दिग्गजों की चमक के बावजूद नए सितारे भी मिले थे। बिहार के आशुतोष अमन ने आठ मैचों में 68 विकेट लिए थे। ऐसा करके उन्होंने एक सीजन में सर्वाधिक विकेट का दिग्गज बिशन सिंह बेदी (64) का रिकॉर्ड तोड़ा था।

यही नहीं सिक्किम के मिलिंद कुमार ने 1331 रन बनाए। रणजी ट्रॉफी में बेहतर प्रदर्शन के साथ कई युवा भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहे हैं। हाल की बात करें तो पृथ्वी शॉ, शुभमन गिल, विजय शंकर, दीपक चाहर और नवदीप सैनी इनमें शामिल हैं।

इन बल्लेबाजों पर भी रहेंगी निगाह
देवदत्त पड्डिकल: उम्र 19 साल
कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बनाए। बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं। रणजी ट्रॉफी में भी उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है

प्रियंक पंचाल: 29 साल
गुजरात के बल्लेबाज ने पिछले तीन सीजन में 2750 रन बनाए हैं जिसमें उनकी औसत 62.5 की रही है।

रितुराज गायकवाड़ : 22 साल
 महाराष्ट्र के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज रितुराज गायकवाड़ की 15 प्रथम श्रेणी मैचों में 40 के आसपास की औसत है। जबकि लिस्ट ए में उन्होंने 51 मैचों में 48 की औसत से रन बनाए हैं।

सूर्य कुमार यादव : 29 साल
विजय हजारे ट्रॉफी में 154.79 की स्ट्राइक रेट से 226 रन बनाए हैं। इसके अलावा सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 168 की स्ट्राइक रेट से 392 रन बनाए।

 

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