ये घरेलू नुस्‍खे साइनस की समस्‍या में हैं बहुत कारगर

कभी-कभी हमें ऐसा इन्‍फेक्‍शन हो जाता है जिसमें हमारी नाक बहती रहती है, या बार-बार बंद हो जाती है, आंखों और गालों के पीछे दबाव सा महसूस होता है, तेज सर दर्द होता है। हम सोचते हैं कि यह साधारण जुकाम है लेकिन न तो यह अपने आप ठीक होता है न जुकाम की साधारण दवाओं से। इसकी जगह यह महीनों यहां तक कि बरसों तक परेशानी की वजह बना रहता है। ऐसा है तो डॉक्‍टर से जांच कराएं हो सकता है आपको साइनस का इन्‍फेक्‍शन मतलब साइनसाइटिस है।

क्‍या है साइनस और साइनसाइटिस
हमारी नाक के पीछे और आंखों के ऊपर दोनों तरफ एक खोखली संरचना होती है। इसे साइनस कहते हैं। यह हमारी नाक में खुलती है। इसमें जब कभी बैक्‍टीरिया, वायरस या फफूंद से इन्‍फेक्‍शन हो जाए तो हमारी वही हालत होती है जो ऊपर लिखी है। लंबे समय तक चले तो यह ब्रेन फीवर या दिमाग में सूजन की वजह तक बन जाता है।

क्‍या है इलाज
यों तो डॉक्‍टर इसे एंटीबायोटिक से ठीक करने की कोशिश करते हैं। कामयाबी न मिले तो सर्जरी तक की जाती है। लेकिन कभी-कभी यह इन्‍फेक्‍शन फिर से हो जाता है। ऐसे में कुछ ऐसे घरेलू नुस्‍खे जिन्‍हें अगर हम डॉक्‍टरी इलाज के साथ आजमाएं तो साइनस की बीमारी से पूरी तरह मुक्ति मिल सकती है।

1. भाप लें: गर्म पानी में दो बूंद पिपरमिंट का तेल या यूकेलिप्‍टस का तेल डालकर उसकी भाप लें। इससे आपके साइनस की सूजन फौरन कम हो जाएगी।

2. गर्म दूध में हल्‍दी डालकर पिएं: दूध में हल्‍दी डालकर पीने से आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और इन्‍फेक्‍शन खत्‍म होने में आसानी होगी।

3. योग के जरिए: साइनस की बीमारी से परेशान लोगों का अनुभव है कि दवाओं और सर्जरी के अलावा एक और तरीका जो बहुत प्रभावशाली रहा है वह है योग का।

– जल नेति से बहुत लाभ होता है। जल नेति किसी योग क्रियाओं में अनुभवी व्‍यक्ति की देखरेखा में करना चाहिए। जल नेती में टोंटी वाले लोटे में नमक वाला गरम पानी नाक के एक नथुने में डालकर दूसरे से निकाला जाता है।

– प्राण क्रियाएं या ब्रीदिंग एक्‍सर्साइज से भी साइनस में लाभ होता है। इसके लिए रोज पांच मिनट भस्त्रिका प्राणायाम, 15 से 20 मिनट कपालभांति प्राणायाम और 10 से 15 मिनट अनुलोम विलोम प्राणायाम करना चाहिए।

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