यूपी और बिहार को जोड़ने वाला NH 2 का कर्मनाशा पुल ध्वस्त, अरबों का कारोबार होगा प्रभावित

बिहार                                                                                                                                          
बिहार व उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर कर्मनाशा के समीप पुल ध्वस्त हो गया। जिससे बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। एनएचआई ने पुल या पीलर निर्माण होने तक भारी वाहनों के परिचालन पर अगले आदेश तक बंद रहेगी। पीलर को तैयार करने में कई महीने भर का समय लग सकता है। एक ही पीलर पर दोनों साइड के पुल बनाए गए थे। ऐसे में अप-डाउन लाइन दोनों पुल पर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। सासाराम से बनारस जाने वाले छोटे वाहनों को पुराने पुल के सहारे पास कराया जा रहा है। पुराने पुल से भारी वाहनों का प्रवेश हुआ तो वह भी ध्वस्त हो जाएगा। इस कारण पुराने पुल से सिर्फ छोटे वाहनों को पास कराया जा रहा है।

शुक्रवार की देर रात पुल के पीलर दोनों साइड में पूरी तरह दरक गया है। एनएचआई समेत सड़क निर्माण कंपनी के अधिकारी पुल का मुआयना करने में जुटे हैं। पुल के ध्वस्त होने से बिहार-उत्तर प्रदेश व्यवसायियों का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है। सासाराम से बनारस जाने वाला बालू कारोबार प्रभावित है। टॉल प्लाजा पर राजस्व का नुकसान हुआ है। लेकिन पुल ध्वस्त होने से भारी वाहनों का परिचालन बंद हो गया है। कोलकता से आने वाले पर्यटकों व आमलोगों को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि प्रदेशों में जाने में मुश्किल होगी। उन्हें अब रूट बदल कर जाना पड़ेगा। औरंगाबाद से झारखंड के हरिहरगंज के रास्ते इन प्रदेशों तक सफर करने होंगे। इससे दूरी अधिक होगी। जहां फोरलेन के रास्ते लोग दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों का सफर करते थे, अब झारखंड के जंगलों के रास्ते जाना होगा।  

अरबों रुपये का कारोबार होगा प्रभावित

देश की लाइफ लाइन माने जाने वाली दिल्ली -कोलकाता राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 2 पर कर्मनाशा नदी में बने पुल के पाए टूटने के बाद यूपी बिहार सहित कई राज्यों का संपर्क टूट गया है, जिसका सीधा असर देश के कारोबार पर पड़ेगा। अरबों रुपये का कारोबार इस राष्ट्रीय राजमार्ग  से किया जाता है। एनएचएआई व सोमा कंपनी की माने तो इस मार्ग पर आवागमन बहाल करने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। एक सप्ताह में नदी पर डायबर्सन बनाकर आवागमन बहाल किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली कोलकाता हाइवे से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में ट्रांसपोर्टिंग का काम होता है। फल, सब्जी, दवा, परचून, खाद्य सामग्री आदि समान एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश या देश के अन्य हिस्सों में भेजा जाता है। माल की आपूर्ति कम होने की स्थिति में सामानों के दाम भी बढ़ सकते हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर कर्मनशा के समीप पीलर टूटने से भारी वाहनों के परिचालन पूरी तरह बंद हो गए हैं। टॉल प्लाजा पर भारी वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। इससे राजस्व पर काफी असर पड़ रहा है।

-विवेक विमल, प्रबंधक, टॉल प्लाजा, सासाराम।

 

एनएच दो पर लगी ट्रकों की कतार

कर्मनाशा पुल ध्वस्त होने के बाद एनएच दो पर भारी वाहनों का परिचालन बंद हो गया है। परिचालन बंद होने से एनएच दो पर स्थित डेहरी के खुर्माबाद तक लोड ट्रकों की जाम लग गई है। कई ट्रकों को पर कच्चा सामान लदा है जिसे खराब होने की संभावना जतायी जा रही है। रोहतास जिले के लगभग 40 किलो मीटर तक सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। एक तरफ ठंढ़ व कुहासा की मार झेल रहे ट्रक चालकों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। धनबाद से दिल्ली जा रहे ट्रक चालक बलजीत सिंह ने बताया कि ट्रक में कच्चा सामान लोड है। अनिश्चितकालिन सड़क बंद होने से सामान खराब हो जाएंगे। लाखो की चपत लगने की बात बतायी।

बालू लदे ओवरलोडेड ट्रकों से पुल हुआ ध्वस्त : एनएचएआई

राष्ट्रीय राजमार्ग दो पर कर्मनाशा के समीप पुल के ध्वस्त होने से भारी वाहनों के परिचालन पर जहां ब्रेक लगा है, वहीं बिहार-उत्तर प्रदेश के कारोबार पर संकट के बादल गहरा गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण के अधिकारियों का कहना है कि बालू लदे ओवरलोडेड वाहनों से पुल ध्वस्त हुई है। प्रतिदिन दो-ढाई सौ ओवरलोडेड बालू लदे ट्रक खड़े रहते है।क्षमता से अधिक ट्रकों पर ओवरलोड बालू से पुल का पीलर दरक गया। जिसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ध्वस्त पुल के निर्माण में करीब छह से आठ माह का समय लग सकता है।हालांकि पुल ध्वस्त के बाद एनएचएआई व निर्माण एजेंसी के अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू की है। जब तक पुल का निर्माण नहीं होगा, तब तक भारी वाहनों के परिचालन पर रोक रहेगी। जिससे व्यावसाय पर असर पड़ेगा। प्रतिदिन टॉल प्लाजा से 13 हजार से अधिक भारी वाहनों का परिचालन होता है। इसमें अधिकांश गाड़ियां ओवरलोडेड होती है। ऐसे में पूल का टूटना लाजिमी है। जिला प्रशासन द्वारा भारी वाहनों व ओवरलोडेड के खिलाफ अभियान चलता तो यह नौबत नहीं आती। रोहतास- कैमूर में परिवहन अधिकारी के अलावे मोटर यान निरीक्षक व आरटीओ के पदस्थापन के बाद  ओवरलोडेड वाहनों पर ब्रेक नहीं लग सकी।

खनन विभाग के पास सहायक खनन निदेशक से लेकर इंस्पेटर की पोस्टिंग है। खनन टास्क फोर्स की बैठक में प्रतिदिन ओवरलोडेड वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश है। इसके बाद ओवरलोडेड गाड़ियों पर रोक नहीं लगायी गई। अब तो इंट्री माफिया सक्रिय हो गए हैं। अधिकारियों से मिलकर भारी वाहनों को पास करा रहे हैं। परिवहन विभाग व खनन विभाग के अधिकारियों द्वारा बालू लदे आवेरलोडेड गाड़ियों को धर-पकड़ होती तो, पुल ध्वस्त नहीं होता। अचानक पुल के टूटने से एनएच दो पर वाहनों की कतारें लग गई है।
 

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