मोदी सरकार-2 में इन केंद्रिय मंत्रियों को सबसे पहले करना होगा चुनौतियों का सामना

  नई दिल्ली 
मोदी सरकार-2 के सभी मंत्रियों ने अपना काम-काज शुरू कर दिया है। मोदी को मिली बंपर जीत के बाद देश की जनता को उनकी सरकार से उम्मीदें भी बहुत ज्यादा हैं। ऐसे में इस बार मोदी सरकार पर किए गए वादों को पूरा करने का दबाव पिछले कार्यकाल के मुकाबले काफी ज्यादा होगा। ऐसे में इन मंत्रियों को सबसे पहले चुनौतियों से जूझना होगा।  
 
एस जयशंकर (विदेश मंत्रालय) 
विदेश मंत्रालय का पदभार संभालने वाले एस जयशंकर को तुरंत अपनी उपयोगिता साबित करनी होगी। खुद विदेश सचिव रहने और डिप्लोमेसी के मास्टर रहे जयशंकर को अब परदे के पीछे से नहीं, बल्कि आगे आकर काम करना होगा। सरकार को ईरान के साथ कच्चे तेल के आयात पर फैसला लेना है। भारत-पाकिस्तान संबंध के अलावा चीन-अमेरिका में जिस तरह बातें बढ़ी हैं, उनमें भी विदेश मंत्री को आगे निर्णायक रोल निभाना है। सुषमा की ओर से तय मापदंड को भी बनाए रखने में उन्हें बहुत सक्रियता दिखानी होगी। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के रुके काम करने और जरूरतमंदों तक पहुंचने की दिशा में सुषमा ने जो ट्रेंड सेट किया, उसे बाकी मंत्रियों ने भी फॉलो किया। 

निर्मला सीतारमण (वित्त मंत्रालय) 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सबसे पहले जीडीपी यानी इकॉनमी ग्रोथ को पटरी पर लाना होगा, जो साल 2018-19 में उम्मीद से काफी कम रहा है। उन्हें इस ग्रोथ को रोजगार के मौकों से जोड़ना होगा। एनडीए सरकार की पहली पारी में यह आरोप लगा कि जितनी जीडीपी ग्रोथ हुई, उस अनुपात में मार्केट में रोजगार नहीं आए। टैक्स रिफॉर्म को तय समय में पूरा करना भी चुनौती है। एक ओर जीएसटी के सरलीकरण की जिम्मेदारी है, वहीं इनकम टैक्स कानून में बदलाव करने का दबाव भी। सरकार चाहती है कि इनकम टैक्स कानून में ऐसा बदलाव हो, जिससे हर साल टैक्स छूट और स्लैब में बदलाव का फैसला महंगाई को देखते हुए लिया जा सके। निवेश बढ़ाने पर भी जोर देना होगा। 

हरदीप सिंह पुरी (शहरी विकास मंत्रालय) 
आवास एवं शहरी कार्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी के लिए सबसे बड़ी चुनौती हाउसिंग फॉर ऑल, स्मार्ट सिटी और स्वच्छ भारत मिशन के टारगेट पूरा करने की होगी। ये तीनों ही योजनाएं प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर शुरू की गई थीं। इसी तरह से स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों को खुले शौच से मुक्त कराने की है, जिसका टारगेट इसी साल दो अक्टूबर का है। इसी तरह से सभी के लिए आवास योजना में गरीबों के लिए एक करोड़ सस्ते मकान तय अवधि में बनकर गरीबों को मिल जाएं। पुरी ने दावा किया कि ये तीनों योजनाएं बेहतर रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं। अगले हफ्ते समीक्षा भी करेंगे और अगले सौ दिन में किए जाने वाले काम की रूपरेखा भी तैयार करेंगे। 

पीयूष गोयल (रेल मंत्रालय) 
लगातार दूसरी बार रेलमंत्री बने पीयूष गोयल के लिए रेलवे में सबसे बड़ी चुनौती उसकी सेफ्टी को लेकर होगी। हालांकि उनके कार्यकाल में रेल दुर्घटनाओं में कमी आई है, लेकिन अब उनके लिए जीरो एक्सीडेंट के टारगेट को पूरा करने की चुनौती होगी। नई रेल लाइनों को बिछाने के काम में तेजी लाकर ट्रेनों को रफ्तार देनी होगी। रेलवे के लिए आर्थिक संसाधन बढ़ाने के अलावा ट्रेन सेवाओं को बेहतर करना होगा। डेडिकेटेड रेल फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण को रफ्तार देकर उसे तय वक्त पर पूरा करना होगा। शुक्रवार को रेल मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद पीयूष गोयल ने कहा कि अगले पांच वर्ष तक रेल मंत्रालय का फोकस ट्रेनों को गति देने और पैसेंजर सुविधाओं को और बेहतर बनाने पर रहेगा। 

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