मैपकास्ट में प्रदेश की पहली ओएसएल लैब स्थापित
भोपाल
म.प्र.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकास्ट),भोपाल के क्लाइमेट रिसर्च सेंटर में भू पुरातत्वीय काल गणनाओं के लिए आधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। इसमें आप्टिकली स्टिमुलेटेड ल्युमिनिसेंस (ओएसएल) डेटिंग तकनीक और सुविधा का उपयोग किया जाएगा। लैब में पुरातत्व विज्ञान के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों को पेलियो क्लाइमेट (पुरा-जलवायु)संबंधी रिसर्च में मदद मिलेगी। मैपकास्ट महानिदेशक प्रो. अनिल कोठारी ने बताया कि मप्र में प्रथम ओएसएल लैब बनी है। लैब में आप्टिकली स्टिमुलेटेड ल्युमिनिसेंस (ओएसएल) रीडर का केलिब्रेशन अंतिम दौर में है। उन्होंने बताया कि प्रदेश का भू पुरातत्वीय इतिहास समृद्धशाली रहा है। इस क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि परिषद, पुरातत्व विभाग और भारतीय भू-गर्भ सर्वेक्षण,भारत सरकार के साथ मिलकर परियोजनाएं तैयार करेगा।
ऐसे होगी पुरातत्व घटना की डेटिंग
क्लाइमेंट चेंज रिसर्च सेंटर के प्रमुख डॉ. जीडी बैरागी ने बताया कि ओएसएल लैब से सेडीमेंट में विद्यमान क्वार्टज के क्रिस्टल कणों में रेडियोएक्टिव विकिरण के कारण ल्युमिनिसेंस एकत्रित होता है। इसकी गणना ओएसएल तकनीक द्वारा होगी। ल्युमिनिसेंस द्वारा पता लगगे कि अवशेष पर अंतिम बार प्रकाश कब पड़ा था। इस प्रकार संबंधित पुरातत्व घटना की डेटिंग की जाती है।