महाराष्ट्र: चार साल में 12,021 किसानों ने की आत्महत्या

मुंबई
महाराष्ट्र में किसान स्वावलंबी मिशन सम्मान योजना लागू करने के बाद भी फडणवीस सरकार के शासन में किसान आत्महत्या का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। राज्य में फडणवीस सरकार आने के बाद सन 2015 से 2018 तक 12,021 किसानों ने आत्महत्या की है। इस साल जनवरी से मार्च तक ही 610 किसानों ने आत्महत्या की है। शुक्रवार को विधानसभा में एनसीपी के अजित पवार, जितेंद्र आव्हाड सहित कई विधायकों ने किसान आत्महत्या से संबंधित प्रश्न पूछा था। प्रश्नों का लिखित उत्तर देते हुए मदद व पुनर्वसन मंत्री सुभाष देशमुख ने लिखत उत्तर में स्वीकार किया कि राज्य में किसान आत्महत्या थम नहीं रही है।

 

राज्य में सन 2015 से 2018 तक 12,021 किसानों ने की आत्महत्या की। इसमें 6,845 किसानों को ही सरकार ने एक-एक लाख रुपये की आर्थिक दी है। इस साल 1 जनवरी से 31 मार्च तक महज तीन महीने में ही 610 किसानों ने अपनी जान दे दी। आत्महत्या के इन मामलों में जिलास्तरीय समिति ने छानबीन के बाद 192 किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद का पात्र करार दिया है जिसके बाद 182 परिवारों को सरकार ने एक-एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दी, जबकि 96 मामलों को अपात्र करार दिया गया है। अब भी 323 मामलों की जांच जारी है।

कर्जमाफी को विधानपरिषद में हंगामा
किसानों की कर्जमाफी को लेकर विधान परिषद में विपक्ष ने हंगामा किया। विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता धनंजय मुंडे सदन में वाशिम जिले के जामरूण जहांगीर गांव के रहने वाले अशोक ग्यानजू का मामला उठाया। मुंडे ने कहा कि दो साल पहले ग्यानजू किसान परिवार को मुख्यमंत्री ने कर्जमाफी का सम्मानपत्र दिया था, लेकिन आज तक उनका कर्जमाफ नहीं हुआ है। वो इस समय विधानभवन परिसर में मौजूद है।

इस दौरान मुंडे ने सभापति को सर्टिफिकेट का सबूत देते हुए कहा कि आपके परमिशन के बाद उस किसान को सदन में लाया जा सकता है। आज राज्य में ऐसे कितने ही किसान है, जिनका कर्जमाफ नहीं हुआ है। इसके जबाब में सहकार मंत्री सुभाष देशमुख ने कहा कि विपक्ष नेता सरकार के खिलाफ गलत प्रचार कर रहे हैं। राज्य में दो लाख के भीतर जिन-जिन किसानों पर कर्ज था करीब -करीब उनके कर्ज माफ किए गए हैं। सहकार मंत्री के इस जबाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया, जिसे लेकर सभापति रामराजे निंबालकर ने सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी।

सभापति ने दिया अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश
कर्जमाफी को लेकर विधान परिषद में हुए हंगामे के बीच विधानभवन परिसर में मौजूद दो किसानों को गिरफ्तार करने वाले सुरक्षा अधिकारियों का मुद्दा सदन में जोर-शोर से गूंजा। विरोधी पक्ष नेता धनंजय मुंडे ने किसानों को गिरफ्तार करने वाले सुरक्षा अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने की मांग की, जिसे सभापति रामराजे निंबालकर ने कहा कि अगर किसानों को गिरफ्तार किया गया है, तो गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए।
 

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