मप्र सड़क विकास निगम के भ्रष्ट सहायक महाप्रबंधक को चार साल की कैद

सागर
प्लाट एवं जमीन के डायवर्सन की एनओसी दिलाने के नाम पर दो हजार रुपए की रिश्वत  लेते पकड़े गए मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के भ्रष्ट सहायक महाप्रबंधक को विशेष न्यायधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रामबिलास गुप्ता ने चार साल के सश्रम कारावास और 20 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।

जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि 1 सितंबर 2016 को पंकज असाटी ने लोकायुक्त एसपी को शिकायती आवेदन दिया था। आवेदन में कहा गया था कि बल्देवगढ़ में उसके पिता के नाम पर जमीन व प्लाट है। इसका डायवर्सन कराने के लिए मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम सागर से एनओसी की जरूरत है। एनओसी देने के नाम पर विभाग के अफसरों द्वारा टालमटोल की जा रही है।

 निगम में पदस्थ टीकमगढ़ जिले के मुनिया गांव निवासी सहायक महाप्रबंधक मुकेश कुमार अहिरवार ने एनओसी दिलाने के नाम पर 3 हजार रुपए रिश्वत देने की मांग की है। लोकायुक्त पुलिस ने डिजिटल वायस रिकॉर्डर से आरोपी और फरियादी के बीच हुई बातचीत रिकाॅर्ड करवाई। इसके बाद 14 सितंबर 2016 को टीम भेजकर आरोपी एजीएम को 2000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर चालान कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर आरोपी एजीएम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 एवं 13(1) (डी) सहपठित धारा 13(2) के तहत दोषी माना। कोर्ट ने दोनों धाराओं में चार-चार वर्ष के सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *