भोपाल और जबलपुर में धार्मिक स्थलों पर ताले, दतिया स्थित पीतांबरा शक्तिपीठ खुले

भोपाल
8 जून से देशभर के मंदिर, चर्च, गुरुद्वारा, मस्जिद, जिनालय खुल रहे हैं, लेकिन भोपाल और जबलपुर में धार्मिक स्थलों पर ताले लटके रहेंगे. मध्य प्रदेश में भी उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर और दतिया स्थित पीतांबरा शक्तिपीठ के पट सोमवार से श्रद्धालुओं के लिए खुल रहे हैं. प्रदेश में जहां भी धर्मस्थल खुल रहे हैं, वहां श्रद्धालुओं को गाइडलाइन का पालन करना होगा. मंदिरों में तिलक-चंदन नहीं होगा. श्रद्धालुओं को दूर से दर्शन करने होंगे. मस्जिद में वजू और गुरुद्वारों में लंगर नहीं होगा. सभी को मास्क लगाना होगा. चर्च में एक बेंच पर एक ही व्यक्ति बैठ सकेगा.

भारत सरकार ने देशभर के धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन भोपाल में अभी श्रद्धालुओं को थोड़ा और इंतज़ार करना होगा. कलेक्टर तरुण पिथोड़े और धर्म गुरुओं की बैठक में धर्मस्थल न खोलने पर सहमति बनी है. इसकी वजह भोपाल में तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण है. भोपाल पहले से ही रेड जोन में है. ऐसे हालात में प्रशासन का मानना है कि अभी धर्म स्थल खोलना जल्दबाज़ी होगी. धर्मगुरुओं ने भी इस पर सहमति जताई और प्रस्ताव रखा था कि फिलहाल राजधानी के धार्मिक स्थलों को बंद रखना चाहिए. धर्मगुरुओं और प्रशासन में सहमति के बाद फिलहाल मंदिर-मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा न खोलने का फैसला लिया गया. सभी की सहमति से फैसला हुआ कि 8 जून से भोपाल में धार्मिक स्थल नहीं खोले जाएंगे. इस मामले में कुछ समय बाद फिर से बैठक होगी. उसमें हालात की समीक्षा के बाद अगला फैसला लिया जाएगा.

भोपाल के सिवाय बाकी पूरे प्रदेश में धर्म स्थल खोले जा रहे हैं. इनमें प्रसिद्ध महाकाल मंदिर और दतिया का पीतांबरा शक्तिपीठ भी शामिल है. आज से मंदिरों और अन्य संप्रदाय के धार्मिक स्थलों में लोगों को प्रवेश मिलेगा.लेकिन यहां पूजा, प्रार्थना, इबादत और आराधना सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होगी. मंदिरों मेंं भक्त दूर से ही भगवान के दर्शन कर पाएंगे, न तो उन्हें तिलक-मौली, फूल चढ़ा पाएंगे और न ही भगवान के चरण स्पर्श कर सकेंगे.घंटी-घंटा बजाने पर भी रोक रहेगी. कोरोना को हराने के लिए यह धर्म निभाना ही होगा. इस संबंध में कई मंदिर समितियों ने अपनी-अपनी गाइडलाइन बना ली है. परंपरागत पूजा-इबादत की पद्धति को कोरोना के दौर में विज्ञान ने बदल दिया.जिसे समाज ने भी बिना किसी तर्क-वितर्क व दबाव के सहर्ष स्वीकार कर लिया है.मस्जिदों में भी वजू नहीं होगा. लोगों को अपने घर से वजू करके आना होगा और अपने साथ अपनी चटाई लेकर आना होगा.

पिछले तीन माह से संपूर्ण विश्व में कोरोना तबाही मचा रखी है.,इसके कारण जहां मानव की दिनचर्या में काफी बदलाव आया है, वहीं अब जब धार्मिक स्थल आजाद होंगे तो वहां भी सबकुछ बदला-बदला दिखाई देगा.मंदिरों में सीमित लोगों को ही प्रवेश मिलेगा. फूल-प्रसादी चढ़ाना और घंटे बजाना पूर्ण वर्जित रहेगा. मंदिर दिन में तीन बार सैनिटाइज किया जाएगा. शंकर जी को जल चढ़ा सकते हैं। इसके लिए टंकी के पास तांबे, स्टील के लौटे रखे जाएंगे.मंदिरों में गोल घेरे में खड़े होकर दूर से भगवान के दर्शन करना होंगे. पुजारी यजमानों को तिलक-चंदन नहीं लगाएंगे.

किसी भी धार्मिक स्थल में बिना मास्क के किसी को प्रवेश नहीं मिलेगा. दिन में सेनिटाइजर और रात में डिटरजेंट पाउडर से मंदिर परिसर, दरबाजों की धुलाई की जाएगी.

उज्जैन में आज से महाकाल मंदिर, काल भैरव मंदिर, कैथोलिक चर्च, जामा मस्जिद , गुरुद्वारा केंद्र की गाइड लाइन अनुसार खुल गए हैं.महाकाल मंदिर में सुबह होने वाली भस्म आरती में किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया गया.श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को सुबह 8 से 10 बजे के बीच प्रवेश दिया जाएगा.

विख्यात पीताम्बरा पीठ मंदिर प्रबंधन समित ने आज से मंदिर खोलने का फैसला किया है. लेकिन फिलहाल यहां स्थानीय श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा. बाहर के श्रद्धालु 11जून से माई के दर्शन कर पाएंगे. उसके लिए भी उन्हें पहले ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. सभी भक्तों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही मंदिर में आने दिया जाएगा. एक दिन में केवल 450 श्रद्धालु ही दर्शन कर सकेंगे. लेकिन शनिवार को धूमावती माई के दर्शन नहीं हो सकेंगे.शनिवार को भीड़ रोकने के लिए समिति ने ये निर्णय लिया है.

जबलपुर में आज से धार्मिक स्थलों को अनलॉक नहीं किया जा रहा. लेकिन शहर के सभी मॉल, होटल और रेस्टारेंट आज से खुल जाएंगे. यहां धार्मिक स्थलों को मंगलवार 9 जून से खोलने की अनुमति दी जा सकती है.मंगलवार दोपहर को आयोजित धर्मगुरुओं की बैठक में इसका फैसला लिया जाएगा.कलेक्टर ने रविवार के विराम को सफल बनाने में सहयोग के लिये शहवासियों का आभार जताया.

शाजापुर में धर्मगुरुओं ने कलेक्टर के साथ हुई बैठक में धार्मिक स्थल एक सप्ताह और बंद रखने का सुझाव दिया है. अब इस पर आपदा प्रबंधन समिति अंतिम निर्णय लेगी. इसलिए आज यहां धर्म स्थल खोलने पर संशय है.

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