बोफोर्स से भी ज़्यादा ताकतवर है जबलपुर में बनी धनुष तोप, आज सेना को सौंपी जाएगी   

जबलपुर 
 जबलपुर की गन कैरेज फैक्ट्री खमरिया में तैयार की गयी स्वदेशी धनुष तोप अब देश की रक्षा के लिए तैयार है. तोपों की पहली खेप गन कैरेज फैक्ट्री आज सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो को सौंप रहा है. फ्लैग ऑफ सेरेमनी के बाद तोपें यहां से रवाना कर दी जाएंगी. धनुष तोप बोफोर्स से भी ज़्यादा ताकतवर है. ये 38 किमी तक मार कर सकती है, जबकि बोफोर्स तोप की मारक क्षमता सिर्फ 32 किमी है.

जबलपुर के लिए आज गौरव का दिन है. धनुष तोप आज सेना को सौंपी जा रही हैं. धनुष तोपों को बोफोर्स तोपों का स्वदेशी संस्करण कहा जाता है. ये तोपें जबलपुर की गन कैरेज फैक्ट्री में तैयार की गयी हैं. पूरी तरह स्वदेशी इन तोपों को आज गन कैरेज फैक्ट्री सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो को सौंपा जा रहा है. GCF को कुल 114 तोपों का ऑर्डर मिला है. इनमें से पहली खेप में आज 6 तोपें सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो को दी जाएंगी. इसके लिए यहां बाकायदा फ्लैग ऑफ सेरेमनी होगी.

 धनुष तोप भारतीय सेना की अब तक की सबसे ताकतवर तोप है, इसकी मारक क्षमता 38 किमी है. 38 किमी तक ये तोप निशाना बना सकती है. धनुष तोप 155 एमएम इनडीजीनियस आर्टिलरी  गन बोर्फोस का स्वदेशी संस्करण है. इस तोप के लिए 2011 से काम शुरू हुआ था, जो 2014 में पूरा हो गया था. उसके बाद लगातार 4 साल से तोप का परीक्षण चल रहा था.

जबलपुर की गन कैरेज फैक्ट्री खमरिया में दोपहर बाद एक कार्यक्रम में विधिवत तरीके से इन तोपों को सेना के हवाले कर दिया जाएगा.

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