बिजली के दामों में 12 फीसदी की वृद्धि तय, 23 जून तक मांगी आपत्तियां!
भोपाल
प्रदेश में अब शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली बिल के लिए अलग टैरिफ प्लान नहीं होंगे। दोनों ही क्षेत्रों में समान दर पर बिजली बिल वसूलने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर विद्युत कम्पनियों द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग इसी माह फैसला करेगा। उधर बिजली के दामों में बढ़ोतरी को लेकर चल रही अटकलों के बीच मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इसको लेकर संगठनों, लोगों से दावे और आपत्तियां मांगे हैं। 23 जून तक आपत्तियां लेने के बाद आयोग कम्पनियों के 4100 करोड़ के घाटे की भरपाई के मामले में फैसला करेगा और इसी आधार पर टैरिफ वृद्धि के आदेश जारी होंगे।
विद्युत नियामक आयोग को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि बिजली कम्पनियों को 4098 करोड़ रुपए का घाटा मौजूदा बिजली सप्लाई व्यवस्था से हो रहा है। इसलिए इसकी भरपाई के लिए औसत 12 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दी जाए। बिजली कंपनियों का दावा है कि इसदर को मंजूरी मिलने के बाद घरेलू बिजली से 1150 करोड़, गैर घरेलू से 314, सार्वजनिक जल प्रदाय संयंत्र और स्ट्रीट लाइट से 91, निम्नदाब इंडस्ट्री से 141 करोड़ का राजस्व मिलेगा। उच्च दाब श्रेणी में औद्योगिक कनेक्शन से 643 करोड़, गैर औद्योगिक कनेक्शन से 111, गहन पावर उद्योग से 162 करोड़ का राजस्व मिलने का अनुमान जताया गया है।
नियामक आयोग को दिए प्रस्ताव में मध्यप्रदेश मध्य, पूर्व व पश्चिम क्षेत्र तथा पावर मैनेजमेंट कम्पनी ने शहरी और ग्रामीण टैरिफ के अंतर को दूर कर टैरिफ को एक समान रखने का प्रस्ताव दिया है। 500 वाट तक के घरेलू अमीटरीकृत श्रेणी में स्लैब को युक्तियुक्त किया गया है तथा एकल घरेलू श्रेणी बनाई गई है। गैर घरेलू श्रेणी में सार्वजनिक जल प्रदाय और स्ट्रीट लाइट का युक्तियुक्तकरण किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई किए जाने वाले फीडरों के लिए छूट समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है। पावर फैक्टर इंसेंटिव रेंज 5 से 10 प्रतिशत तक अलग-अलग रेंज में स्लैब बनाकर देने के लिए प्रस्तावित किया गया है।