बाढ़ पीड़ितों के लिए धरना देने आए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने भिड़े भाजपा नेता

मंदसौर. मध्य प्रदेश कांग्रेस में अनुशासनहीनता को लेकर अभी चर्चाएं चल ही रही हैं कि इस बीच भारतीय जनता पार्टी में भी ऐसे उदाहरण सामने आने लगे हैं. भाजपा खुद को सबसे अनुशासित पार्टी कहती है. लेकिन कभी-कभार इसके नेताओं की हरकतें न सिर्फ अनुशासन का मखौल उड़ाती दिखती हैं, बल्कि इससे पार्टी के भीतर चल रही अंदरूनी गुटबाजी भी सामने आ जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ मध्य प्रदेश के मंदसौर में, जहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बाढ़ पीड़ितों के लिए धरना देने पहुंचे थे. दरअसल, शिवराज सिंह चौहान का धरना समाप्त होते ही स्थानीय विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया और जिला पंचायत सदस्य अंशुल बैरागी भिड़ गए. पूर्व सीएम के सामने ही दोनों नेताओं में तू, तू-मैं, मैं होने लगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता के सामने अनुशासन संबंधी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए जिप सदस्य ने विधायक पर धरना-कार्यक्रम को हाईजैक करने का आरोप लगा डाला.

पूर्व सीएम के सामने क्यों भिड़े नेता
दरअसल, मंदसौर के जिला पंचायत सदस्य अंशुल बैरागी कुछ बाढ़ पीड़ितों को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलवाना चाहते थे. उनका आरोप है कि विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने उन्हें इससे रोक दिया. उन्होंने विधायक पर बाढ़ पीड़ितों के लिए आयोजित धरना कार्यक्रम को हाईजैक करने का भी आरोप लगाया है. वहीं, बैरागी के साथ हुई बहस को लेकर विधायक सिसोदिया ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है. सिसोदिया ने बस इतना ही कहा कि भीड़ की वजह से असंवाद की स्थिति पैदा हुई.

अंशुल बैरागी का आरोप
जिला पंचायत सदस्य अंशुल बैरागी ने कहा, 'मैं कुछ बाढ़ पीड़ितों को पूर्व मुख्यमंत्री से मिलवाने लाया था, लेकिन विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने मुझे शिवराज सिंह चौहान से मिलने से रोक दिया.' जिप सदस्य बैरागी ने आरोप लगाया कि विधायक ने पूरा कार्यक्रम हाईजैक कर लिया. उन्होंने कहा, 'विधायक ने मुझसे कहा कि तुम निर्दलीय चुनाव लड़े हो, इसलिए तुम्हें मिलवाने नहीं दिया जाएगा.' अंशुल बैरागी ने पूर्व मुख्यमंत्री के सामने कहा, 'विधायक बड़ा बदतमीज आदमी है. इन्हीं लोगों के कारण प्रदेश में सरकार नहीं बनी. ' उन्होंने कहा कि विधायक के रवैये को लेकर वह एक हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे.

जिप सदस्य के साथ तू, तू-मैं, मैं की घटना को लेकर भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने पहले तो ऐसी किसी घटना के होने से इनकार किया, लेकिन बाद में कहा, 'भीड़-भड़क्के की वजह से असंवाद की स्थिति हो जाती है. अंशुल की मुझसे कोई बहस नहीं हुई. मैं इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता, अंशुल बैरागी को जो करना हो, वह करें.' आपको बता दें कि मंदसौर में बाढ़ पीड़ितों की सहायता को लेकर इन दिनों विभिन्न दलों के नेताओं का लगातार दौरा हो रहा है. बीते दिनों कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मंदसौर आए थे. उनके सामने भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हुई थी. इस पर दिग्विजय ने भी कहा था कि अनुशासनहीनता के कारण ही कांग्रेस बर्बाद हो रही है.

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