फारूक अब्दुल्ला बोले- मेरी जान लेना चाहती है सरकार, शाह ने कहा- मर्जी से घर के अंदर
नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर से स्पेशल राज्य का दर्जा खत्म किए जाने संबंधी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को राज्यसभा में पेश किए जाने के एक दिन बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला पहली बार सामने आए और उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि मेरे घर के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं. हमारी हत्या की साजिश रची जा रही है. साथ ही यह भी आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के मामले में संसद में झूठ बोला.
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को पेश करते हुए राज्य से अनुच्छेद 370 के तहत मिलने वाले स्पेशल स्टेटस का दर्जा खत्म किए जाने और राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता दिए जाने की बात कही. इस बिल को एक दिन पहले ही राज्यसभा से पास कर दिया गया जबकि आज मंगलवार को यह बिल लोकसभा में पेश किया गया.
अलोकतांत्रिक फैसलाः फारुक
इस बीच कश्मीर में घर में ही नजरबंद किए गए कई बड़े नेता अपना पक्ष रखने के लिए अब तक सामने नहीं आए, लेकिन बदली परिस्थिति के बाद आज दोपहर बाद पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखाई दिए और केंद्र के फैसले को अलोकतांत्रिक करार दिया.
हालांकि पहली बार मीडिया के सामने मुखातिब हुए फारूक अब्दुल्ला अपने घर की बालकनी से ही लोगों से बात करते नजर आए. उन्होंने मीडिया से कहा कि लोगों को जेल में डाल दिया गया है. मेरे घर के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं. सांसद होने के नाते इस समय उन्हें सदन में होना चाहिए थे, लेकिन वो संसद में नहीं हैं. संसद से अनुपस्थित रहने के सवाल पर उन्होंने सफाई दी कि उनके घर के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं.
अमित शाह ने झूठ बोलाः फारुक
जिस समय फारूक मीडिया के सवालों का बॉलकनी से जवाब दे रहे थे, नीचे उनके घर के बाहर भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात थे. फारुक अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने संसद में जम्मू-कश्मीर को लेकर झूठ बोला है. उन्होंने आगे कहा कि हम कोई पत्थरबाज नहीं हैं. मेरे बेटे (उमर अब्दुल्ला) को कैद कर लिया गया है. वह काफी तकलीफ में है.
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला न तो हिरासत में हैं और न ही उन्हें गिरफ्तार किया गया है. शाह ने यह टिप्पणी उस वक्त की, जब एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला उनके बराबर में बैठते हैं. वह आज सदन में मौजूद नहीं हैं और उनकी आवाज सुनी नहीं जा रही.
पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी हत्या की साजिश रची जा रही है. केंद्र के इस फैसले के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे.