समझौता ब्लास्ट मामले में 14 मार्च तक टला फैसला, असीमानंद हैं आरोपी

पंचकूला            
देश में आम चुनावों के ऐलान के साथ ही बने राजनीतिक माहौल के बीच सोमवार को हरियाणा के पंचकूला की स्पेशल एनआईए कोर्ट समझौता ब्लास्ट केस मामले में फैसला सुनाना था लेकिन इसे 14 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है. इस केस में फाइनल बहस पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने अपना फैसला 11 मार्च, सोमवार के लिए सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के लिए सोमवार को मामले के आरोपी असीमानंद, कमल चौहान, लोकेश शर्मा और राजिंदर चौधरी पूंचकूला कोर्ट में पहुंच गए हैं. कोर्ट के बाहर आरोपियों के समर्थकों ने भारत माता की जय के नारे लगाए.

पिछले बुधवार को एनआईए कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान एनआईए कोर्ट में समझौता ब्लास्ट के मुख्य आरोपी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे.

पिछली सुनवाई में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में बचाव पक्ष के वकीलों की ओर से दी गई दलीलों का अभियोजन पक्ष के वकीलों ने जवाब दिया था जिसके बाद बहस पूरी हो गई और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके बाद उम्मीद थी कि अदालत 11 मार्च को अपना फैसला सुना सकती है.

भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में बम धमाका हुआ था. हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई थी. ब्लास्ट में 12 लोग घायल हो गए थे. ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी. धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे. मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चों समेत चार रेलवेकर्मी भी शामिल थे.

ये ब्लास्ट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था. इस ब्लास्ट के सभी आरोपियों के खिलाफ पंचकूला की स्पेशल एनआईए कोर्ट में केस चल रहा है. इस मामले में 224 गवाहों के बयान अभियोजन पक्ष की ओर से दर्ज हुए थे. इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से कोई गवाह पेश नहीं हुआ है. इस केस में कुल 302 गवाह थे. इनमें चार पाकिस्तानी नागरिक थे.

कोर्ट की ओर से पाकिस्तानी नागरिकों को लगातार समन भेजा गया लेकिन उनमें एक भी गवाह पेश नहीं हुआ. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई आगे बढ़ाया था. 20 फरवरी 2007 को इस मामले की जांच के लिए हरियाणा पुलिस की ओर से SIT का गठन किया गया था. प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर पुलिस ने दो संदिग्धों के स्केच भी जारी किए थे. ऐसा कहा गया था कि ये दोनों ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए. इसके बाद धमाका हुआ. पुलिस ने संदिग्धों के बारे में जानकारी देने वालों को एक लाख रुपए का नकद इनाम देने की भी घोषणा की थी.

15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. ये इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी. पुलिस इन तक सूटकेस के कवर के सहारे पहुंच पाई थी. ये कवर इंदौर के एक बाजार से घटना के चंद दिनों पहले ही खरीदा गया था.

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