प्रशासन की लापरवाही शासन पर पड़ रही भारी, 26 करोड़ 71 लाख राजस्व वसूली में देरी

आगर मालवा
जिले के नलखेड़ा के समीप स्थित पिलवास की पहाड़ी पर रोड निर्माण करने वाली कंपनी अस्कोन इंफ्राटेक प्रायवेट लिमिटेड छिंदवाड़ा कंपनी द्वारा खुले आम किए जा रहे अवैध उत्खनन पर राजस्व विभाग ने प्रकरण तो 2016 में ही बना लिया था पर अभी तक यह अपने अंतिम परिणाम तक नही पहुँचा है जबकि आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि यदि जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन गंभीरता पूर्वक करे तो इससे राज्य शासन को 26 करोड़ से भी अधिक के राजस्व की प्राप्ती हो सकती है । 

मामला है शाजापुर से नलखेड़ा तक की 54 किलोमीटर सड़क निर्माण का जिसे 2016-17 में ठेकेदार अस्कोन कंपनी द्वारा पैटी कॉन्ट्रेक्ट पर बनाया गया था। सड़क निर्माण के दौरान ही पिलवास के पास हो रहे अवैध उत्खनन का खुलासा 2016 में जब पत्रकारों द्वारा किया गया  तब राजस्व विभाग द्वारा बनाए गए अवैध उत्खनन के प्रकरण में खनिज विभाग ने करीब 2 साल बाद 18 करोड़ 71 लाख की पेनॉल्टी लगाने का जांच प्रतिवेदन दिनांक 5/10/18 को कलेक्टर आगर मालवा को सोपा था । यह पेनॉल्टी अवैध उत्खनन कर्ता जो रोड निर्माण का कार्य पेटी कॉन्ट्रेक्ट पर कर रही थी एसकॉन इंफ्राटेक पर लगाई जानी थी पर जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद से ही कलेक्टर आगर द्वारा इस पर अभी तक कोई गंभीरता पूर्वक कार्यवाही नही की गई जबकि खनिज विभाग द्वारा अपना प्रतिवेदन सोपे छह माह से भी अधिक का समय हो गया है ।

वहीं खनिज विभाग शाजापुर ने भी खनिजो का अवैध परिवहन के आरोप में जीडीसीएल जिसने एस्कोन इंफ्राटेक को पेटी कॉन्ट्रेक पर इस रोड निर्माण का कार्य दिया था पर 8 करोड़ की रिकवरी निकालते हुए एमपीआरडीसी को एक पत्र करीब 1 वर्ष पूर्व लिखा है जिसमे एमपीआरडीसी को जीडीसीएल के बिलों का भुगतान करते समय यह 8 करोड़ की राशि काटकर उनके विभाग में जमा कराने के लिए कहा गया था । अब सबसे आश्चर्य की बात यह है कि एमपीआरडीसी ने भी इस पत्र को ठेंगा दिखाते हुए कंपनी को प्री भुगतान के नाम पर लगभग सभी राशि का भुगतान कर दिया है और जब इस संबंध में हमने एमपीआरडीसी उज्जैन डिवीजन के जिम्मेदारों से वर्जन लेने का प्रयास किया तो उन्होंने कैमरे के सामने वर्जन देने हेतु अधिकृत ना होने का बहाना बनाते हुए भोपाल कार्यालय से संपर्क करने को कह दिया जब हमने भोपाल में अधिकारी से सपंर्क किया तब उन्होंने उज्जैन ऑफिस से ही जानकारी लेने को कहा । पूरे मामले में साफ है कि अधिकारियों की लापरवाही से राज्य शासन को 26 करोड़ 71 लाख की वसूली अधर में लटकी हुई है ।

हालांकि जब इस बारे में हमने कलेक्टर आगर मालवा अजय गुप्ता से चर्चा की तो उन्होंने मामले में अब जल्द ही कार्यवाही करने का आश्वासन सहारा समय को दिया है साथ ही जिला खनिज अधिकारी आर. के. कनेरिया ने भी एक बार फिर एमपीआरडीसी को पत्र लिखने की बात सहारा समय से कही है । साथ ही अब यह प्रश्न उत्प्पन होता हैं कि दैरी के चलते जब ठेकेदार को अधिकांश भुक्तान कर दिया गया है तो उक्त पेनल्टी की वसूली कैसे की जाएगी व इसके लिए कौन जवाबदार होगा ।

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