जातिवाद से दूर रह करें अपने मताधिकार का प्रयोग- ऊर्जा गुरू अरिहंत ऋषि

 इंदौर

 इंदौर से प्रवास करते हुए देवास वासियों के बीच पहुंचे महामना आचार्य श्री कुशाग्र नंदी जी महाराज के आत्मीय शिष्य ऊर्जा गुरु अरिहंत ऋषि ने एक कार्यक्रम के दौरान जनता को संबोधित करते हुए जीवन में योग व ध्यान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि योग व ध्यान के माध्यम से उत्पन्न हुई भीतरी ऊर्जा के सही इस्तेमाल से हम कितने भी कठिन लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं। राजनीतिक हलचल पर अक्सर टिप्पणी करने वाले ऊर्जा गुरु ने देवास प्रवास के दौरान आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर भी जनता से सही दिशा में अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करने का आग्रह किया। ऊर्जा गुरु इन दिनों उज्जैन को आदर्श पवित्र नगरी बनाने की मुहीम में भी जुटे हुए है। वह इंदौर से प्रवास करते हुए देवास और इसके पश्चात इसी आंदोलन को साकार रूप देने के लिए उज्जैन पहुंच रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ से उज्जैन पर जल्द से जल्द सकारात्मक कार्रवाई न किए जाने की स्थिति में आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।

करीब एक माह से अधिक समय तक इंदौर प्रवास पर रहे ऊर्जा गुरु अरिहंत ऋषि ने देवासवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के इस महापर्व में हम सभी अपने वोट को बर्बाद न करते हुए निश्चित तौर पर वोटिंग करें। हम एकजुट होकर इसको उत्सव की तरह मनाएं। लोकतंत्र के अंदर राष्ट्रहित की जीत होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मतदान करते वक्त याद रखें कि जिस तरह हम बीमार होने पर किसी जाति का डॉक्टर नहीं ढूंढ़ते बल्कि सबसे अच्छा और सर्वश्रेष्ठ डॉ. ढूंढ़ते हैं उसी तरह इस महापर्व में जातिवाद हटा कर श्रेष्ठ और सुंदर भारत का निर्माण करने वाले  राष्ट्रहित नेता का चुनाव करें। ऊर्जा ऋषि ने सभी से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आह्वान करते हुए जातिवाद को इस लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे ख़तरनाक जहर बताया।

ऊर्जा भारत कैंपेन के जरिए एक तनावमुक्त भारत का प्रण लेकर चल रहे अरिहंत ऋषि देश के हर वर्ग खासकर युवाओं को योग व ध्यान के जरिए एक तनावमुक्त जीवन जीने का गुण सीखा रहे हैं। देशव्यापी रूप से जारी ऊर्जा भारत कैंपेन का लक्ष्य देश के युवाओं समेत हर जरूरतमंद वर्ग को आर्थिक एवं मानसिक रूप  स्थिर बनाना है। ऊर्जा गुरु का मानना है कि आज के तेजी से बदलते इस दौर में हम सभी अपने मूल उद्देश्यों से भटक गए है और हम चाह कर भी उसके करीब नहीं पहुंच पा रहे क्योंकि हमारे अंदर ध्यान ऊर्जा की कमी है। ध्यान हमारे उद्देश्य और मूल्यों को पहचानने के काबिल बनाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *