पीरियड्स में कपड़े के इस्‍तेमाल ने ले ली महिला की जान

 पुणे 
पिछले कुछ समय से देश में मेन्‍स्‍ट्रूअल हेल्‍थ और हाइजीन के बारे में जागरूकता फैलाने का काम तेजी से चल रहा है। सरकारी कार्यक्रम, एनजीओ, सोशल मीडिया यहां तक कि 'पैडमैन' जैसी फिल्‍में भी इसी मुद्दे पर जनता को जानकारी देने के काम में लगे हैं। इसके बावजूद पिछले हफ्ते पीरियड्स को लेकर जागरूकता के अभाव की वजह से एक युवा महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी। सैनिटरी नैपकिन या दूसरे सुरक्षित विकल्‍पों की जगह एक ही कपड़े को बार-बार इस्‍तेमाल करने से उसे जानलेवा इन्‍फेक्‍शन हो गया था।  सोमवार को अहमदनगर जिले की रहने वाली 28 वर्षीय महिला को पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया। महिला के पति एक गरीब किसान थे, जिन्‍होंने उसे रविवार को इमरजेंसी में भर्ती कराया। महिला को भयानक पेट दर्द, लो ब्‍लड प्रेशर और तेज बुखार की शिकायत थी। 

महिला को टॉक्जिक शॉक सिंड्रोम हो गया था 
जांच में पता चला कि महिला की बीमारी की वजह पीरियड्स के समय एक ही कपड़े को बार-बार इस्‍तेमाल करना था। इसकी वजह से महिला को टॉक्जिक शॉक सिंड्रोम (टीएसएस) हो गया था जो बैक्‍टीरिया के इन्‍फेक्‍शन से होने वाली एक घातक बीमारी है। रूबी हॉल क्लिनिक पुणे के डॉक्‍टर अभीजीत लोढा का कहना था, 'महिला को पहले ही गंभीर सेप्सिस हो गया था। उसे 106 डिग्री बुखार था और वह शॉक में थी। उसका बीपी इतना लो था कि नापा ही नहीं जा सका। सेप्सिस और जरूरी अंगों के नाकाम होने की वजह से उसकी मौत हो गई।' 
  
पीरियड्स में सफाई का रखें ध्यान
इसमें कोई शक नहीं की पीरियड्स के दौरान आपको अपनी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इससे न सिर्फ आपकी सेहत पर असर पड़ता है बल्कि पीरियड्स के दौरान पर्सनल साफ-सफाई का ध्यान रखने से आप कई तरह की बीमारियों जैसे UTI और इंफेक्शन से भी बच सकती हैं। इसमें सबसे अहम रोल उस पैड या सैनिटरी नैपकिन का है जिसका आप पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल करती हैं। क्या आप जानती हैं कि पीरियड्स के दौरान आपको एक दिन में कितनी बार पैड बदलना चाहिए।  
 

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