पीरियड्स के दौरान नवरात्र व्रत रखना कितना सुरक्षित

भारत में हर महीन कोई न कोई व्रत होता है। इस समय तो नवरात्र के व्रत शुरू होने वाले हैं। हर तरफ नवरात्र के व्रत को लेकर तैयारियां चल रही हैं। नौ दिन तक चलने वाले नवरात्र के व्रत में लोग घरों में कलश स्थापना करते हैं और मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्र का व्रत खासकर महिलाओं के बीच खासा प्रचलित है। आपको बताते चलें कि व्रतों को करने के पीछे की मान्यता है कि इससे तन-मन की शुद्धि हो जाती है। वहीं, दूसरी तरफ इस बात को लेकर लोगों के मन में सवाल रहता है कि पीरियड्स के दौरान क्या व्रत करना सुरक्षित है?

पीरियड्स के दौरान नवरात्रि का व्रत
पीरियड्स महिलाओं के लिए नेचुरल है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर से खून की सफाई होती है और गंदा खून बाहर निकल जाता है। महिलाओं के साथ इन दिनों दर्द होना, चक्कर आना जैसी दिक्कतें होती हैं। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर कम होने की आशंका रहती है। ऐसे में पूरे दिन भूखे रहना या फिर सिर्फ फल खाना और पानी के सहारे रहने से चक्कर आने की भी आशंका रहती है। इन सब कारणों से महिलाओं में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। पीरियड्स को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन दिनों व्रत रखना उनके सेहत पर नकारात्मक असर डालता है। ऐसे समय में व्रत रखना सुरक्षित नहीं है। पीरियड्स के समय व्रत न करें तो ही अच्छा है। इसके अलावा डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।

यह भी जानें
किसी भी व्रत रखने के पीछे धारणा होती है कि रोजमर्रा के कामों से हटकर हमारा मन धार्मिक कामों में लगता है। इसके साथ ही व्रत के दौरान संतुलित खाना खाने से शरीर की सफाई होती है, जिससे तन-मन शांत रहते हैं। इसके अलावा यह भी कह सकते हैं कि व्रत के दौरान सादा खाना खाने से मन पर नियंत्रण रहता है।

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