पांच लाख कांट्रैक्ट कर्मियों की सेवा होगी स्थायी, 60 साल में होंगे रिटायर

पटना
सूबे के सरकारी दफ्तरों में कांट्रैक्ट पर काम कर रहे पांच लाख कर्मियों की सेवा जल्द ही स्थायी होगी। संविदा कर्मियों की सेवा शर्तों के निर्धारण के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति ने फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली है और अगले हफ्ते सरकार को सौंप देगी।

समिति की अनुशंसा के अनुसार संविदाकर्मियों को अब हर साल कॉन्ट्रैक्ट के रिन्युअल की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। उनकी सेवा भी 60 साल के लिए होगी। संविदाकर्मियों को सरकारी सेवकों की तरह अवकाश समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी। महिलाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाएगा। बेसिक सैलरी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा। कर्मियों का ईपीएफ भी कटेगा। संविदाकर्मियों को नौकरी से हटाने के लिए वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जो स्थायी सरकारी सेवक के लिए निर्धारित है।

7 अगस्त 2018 को सरकार को सौंपी थी अंतरिम रिपोर्ट  : उच्चस्तरीय समिति ने पिछले साल सात अगस्त को राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी दी थी। लेकिन इस सूची में स्वास्थ्य विभाग और बेलट्रॉन समेत अन्य आउटसोर्स कर्मियों को शामिल नहीं किया था। जिसके कारण सरकार ने समिति के कार्यकाल में विस्तार किया था।

2015 में गठित हुई थी कमिटी : राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों की सेवा स्थायीकरण के लिए 24 अप्रैल, 2015 को उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। इसके अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार चौधरी बनाए गए थे।

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