गाद से लगातार प्रभावित हो रही गंगा की अविरलता

 पटना 
राज्य में गंगा की अविरलता लगातार घट रही है। इस नदी में गाद की समस्या रोज बढ़ती जा रही है। नतीजा यह है कि बाढ़ की विकरालता तो बढ़ ही रही है, गंगा के प्रवाह पर भी तेजी से इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस वर्ष की बाढ़ में गंगा के पानी को पटना से फरक्का (पीक टू पीक) तक की 415 किमी की दूरी तय करने में नौ दिन लग गये। केन्द्रीय जल आयोग के मानक के अनुसार इतनी दूरी तय करने में गंगा के पानी को 48 से 50 घंटे का समय लगना चाहिए।

गंगा की अविरलता पर यह प्रभाव 2016 की बाढ़ में भी दिखने को मिला था। उस समय आठ दिन में गंगा का पानी पटना से फरक्का पहुंचा था। उस साल सामन्य वर्षा में भी गंगा ने पटना में बाढ़ का नया उच्चतम स्तर (एचएफएल) तय कर दिया। वर्ष 1975 की बाढ़ में इस नदी का एचएफएल पटना में 50.27 मीटर था। लेकिन धीरे-धीरे बढ़ते हुए 2016 में एचएफएल 50.52 मीटर हो गया। खास बात यह है कि गाद की समस्या प्रत्यक्ष रूप से दिखने लगी है। इसके बावजूद केन्द्र सरकार इसको मानने को तैयार नहीं है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा की अविरलता को लेकर पहले ही केन्द्र से आग्रह किया था। उनके अनुरोध पर केन्द्र से गाद का अध्ययन करने को टीम भी बिहार आई थी, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस निराकरण नहीं हो सका। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने भी यह सवाल एक बार फिर केन्द्र के सामने रखा है।

गाद को लेकर कमेटियों की रिपोर्ट

गंगा में गाद की समस्या को लेकर अलग-अलग कमेटियों की अलग- अलग रिपोर्ट है। केन्द्रीय जल आयोग का मानना है कि फरक्का में गाद जमा होने की दर 218 मिलियन टन प्रति वर्ष है। उसके अनुसार अजमाबाद में यह आंकड़ा 187 मिलियन टन प्रति वर्ष है। उधर, कुरसेला में कोसी नदी गंगा में आकर मिलती है। वहां कोसी की धारा में गाद का लोड 283 मिलियन टन प्रति वर्ष होता है। कुरसेला अजमाबाद और फरक्का के बीच स्थित है। जाहिर है कि फरक्का में गाद कोसी और गंगा दोनों से जाकर मिलता है। लिहाजा वहां गाद का लोड कम से कम 470 (गंगा का 187+कोसी का 283) मिलियन टन है। लेकिन, सारे आंकड़े सामने होने के बावजूद केन्द्रीय जल आयोग फरक्का में 218 मिलयन टन ही गाद दिखाता है। हालांकि, इसके पहले चितले कमेटी की रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि गंगा में फरक्का के पास गाद का लोड 413 मिलियन टन प्रति वर्ष है। वर्ष 1975 में फरक्का बराज के कमिशन्ड होने के पहले अजमाबाद में गंगा में गाद का लोड 414 मिलियन टन था। जाहिर है बराज बनने के बाद गाद घटेगा नहीं।

गंगा में गाद की समस्या

414 मिलियन टन था फरक्का बराज बनने के पहले

470 मिलियन टन हो गया अब फरक्का में गाद

283 मिलियन टन कोसी से गाद जाता है गंगा में

218 मिलियन टन ही गाद होने की बात स्वीकारता है केन्द्र

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