पटना में हिंसा के खिलाफ सड़क पर उतरीं महिलाएं

पटना
राज्य में बढ़ रही महिला हिंसा के खिलाफ महिलाएं सड़क पर उतरीं। इससे डाकबंगला चौराहा और बेली रोड पर करीब एक घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही। स्कूली बच्चे भी इसमें फंसे रहे। बाद में पुलिस पदाधिकारियों के आश्वासन पर महिलाएं शांत हुईं और परिचालन सामान्य हो सका।

जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर बारह बजे स्थानीय रेडियो स्टेशन से महिलाएं विधानसभा मार्च के लिए नारा लगाते हुए आगे बढ़ीं। पुलिस ने डाकबंगला चौराहे पर ही महिलाओं को रोक दिया। यहां महिलाओं की पुलिस से बहस भी हुई। प्रदर्शन कर रही महिलाएं ऐपवा, एडवा, बिहार महिला समाज, एआईएसएफ और इप्टा से जुड़ी महिलाएं अत्याचार, गैंगरेप, लड़कियों की ट्रैफकिंग पर लगाम लगाने की मांग कर रहीं थीं। मौके पर घरेलू महिला कामगार संगठन की सिस्टर लीमा, ऐडवा की सरिता पांडेय व नीलम, सिस्टर लीमा, अख्तरी, सिस्टर स्मिता, जन जागरण जन शक्ति संगठन की कल्याणी, कोरस की समता, हिरावल की प्रीति प्रभा, नटमंडप की मोना, इप्टा की श्वेत प्रीत, चंद्रकांता, आसमा खातून और तबस्सुम अली आदि रहीं।

बिहार महिला समाज की निवेदिता झा ने कहा कि सीवान की पुलिसकर्मी स्नेहा मंडल की संदिग्ध मौत ने पुलिस विभाग के अंदर महिला पुलिसकर्मियों के यौन उत्पीड़न को बेनकाब कर दिया है लेकिन सरकार इन मामलों में दोषियों पर कार्रवाई की बजाय उलटे उन्हें बचा रही है। समस्तीपुर में सामूहिक बलात्कार की शिकार महादलित महिला को न्याय मिले और उसके सभी आरोपितों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए। अम्बेडकर विद्यालय, हाजीपुर की छात्रा डीका हत्याकांड में सीआईडी जांच शीघ्र पूरी की जाय।

जाम लगने के बाद बेली रोड से आने वाले वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया। सभी वाहनों को डाकबंगला की बजाय तारामंडल से ही मोड़ दिया गया। किसी भी वाहन को डाकबंगला चौराहे तक नहीं जाने दिया जा रहा था। जाम के कारण स्टेशन से गांधी मैदान और गांधी मैदान से स्टेशन की ओर जाने वाले वाहन काफी देर तक फंसे रहे। इसमें कई स्कूली बसें भी फंसी रही।

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