पटना में अपहृत ओला चालक की हत्या, परिवार में मचा कोहराम
पटना
राजधानी से अपहृत ओला चालक मनीष कुमार (30) की हत्या कर उसका शव पुलिस लाइन के पीछे उत्तरी मंदिरी स्थित नाले में फेंक दिया गया। गुरुवार की दोपहर पुलिस ने शव बरामद कर उसकी शिनाख्त कराई। करीब 20 दिन पुराने शव को पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेजा गया। शव सड़ा-गला होने के कारण कपड़े से उसकी शिनाख्त हो पाई।
पांच जुलाई से लापता बाजार समिति की रामकृष्ण कॉलोनी निवासी चालक के अपहरण की एफआईआर परिजनों ने बुद्धा कॉलोनी थाने में दर्ज करायी थी। पुलिस की जांच में प्रथमदृष्टया चालक की हत्या की बात सामने आ रही है। वैसे अन्य पहलू पर भी तफ्तीश जारी है। दूसरी ओर, चालक के परिजनों का आरोप है कि उसकी हत्या कर लाश नाले में फेंकी गयी है। बुद्धा कॉलोनी थानेदार रविशंकर सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद काफी कुछ स्पष्ट होगा।
पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच में यह बात सामने आई है कि घटना से पहले यानी पांच जुलाई को मनीष को उसके एक साथी ने शराब पिलायी थी। पहले साजिश के तहत शराब पार्टी हुई फिर हत्या कर शव नाले में फेंक दिया गया। पुलिस को उस युवक का नाम भी पता चल चुका है, जिसने चालक को शराब पार्टी दी थी। फिलहाल पुलिस हत्या के कारणों को लेकर जांच करने में जुटी हुई है।
आखिरी बार मनीष ने मोबाइल पर अपने दोस्त रवि से बात की थी। रवि भी ओला चालक है। मनीष के मोबाइल नंबर की कॉल डीटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) को खंगालने के दौरान इसका पता चला। रवि से बातचीत के बाद मनीष का मोबाइल बंद हो गया। पुलिस के शक की सूई मनीष के कुछ दोस्तों की ओर घूम रही है। सूत्रों के मुताबिक, उसके दो करीबियों से पूछताछ भी की गयी।
नाले में पड़े मनीष के शव पर स्थानीय लोगों की नजर पड़ी। इसके बाद वहां भीड़ जमा हो गयी। स्थानीय लोगों ने पुलिस को खबर दी। छानबीन के दौरान थानेदार ने मनीष के परिजनों को बुलावाया। चालक के कपड़े से उसके घरवालों ने शव की पहचान की।
मनीष के अपहरण के बाद घरवाले उसके वापस आने को लेकर आस लगाये बैठे थे। इधर, दोपहर में जैसे ही उन्हें शव मिलने की खबर आयी, वैसे ही सभी की धड़कनें तेज हो गयीं। फिर कुछ समय बाद शव की पहचान होते ही चालक के घर कोहराम मच गया। दो भाई और एक बहन में मनीष बड़ा था। शादीशुदा मनीष की बड़ी बेटी तीन, जबकि छोटी दो साल की है। मनीष की मौत की खबर सुनकर उसकी पत्नी बेहोश हो गयी। दोनों बेटियों के लालन-पालन की जिम्मेदारी मनीष के कंधे पर ही थी।
पुलिस ने मनीष के अपहरण के बाद जब साइंस सिटी अपार्टमेंट के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की तो उसमें वह अकेला दिखा। मामा के अपार्टमेंट के सामने गाड़ी लगाने के बाद वह अकेले ही गली से गुजर रहा था।
ओला कैब चलाने वाला मनीष कुमार पांच जुलाई की रात आठ बजे अपने मामा के चीनाकोठी स्थित साइंस सिटी अपार्टमेंट के समीप गया था। अपार्टमेंट के गेट के सामने उसने अपनी गाड़ी लगायी और मामा को फोन कर इसकी जानकारी दी। उसने दो से तीन घंटे वापस आकर गाड़ी ले जाने की बात कही थी, लेकिन काफी देर तक वह नहीं लौटा तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। चालक का मोबाइल बंद आने लगा। इसके बाद परिजन बुद्धा कॉलोनी थाने गए, जहां उन्होंने चालक के अपहरण की एफआईआर दर्ज करायी थी।