निगमों में पदस्थ IAS अफसरों की DOPT से कम्प्लेन करेंगे महापौर, जनप्रतिनिधियों को कर रहे अपमानित 

भोपाल
प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों के महापौर जल्द ही भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय (डीओपीटी) में जाकर उन आईएएस अफसरों की शिकायत करेंगे जो नगर निगमों में आयुक्त के पद पर पदस्थ हैं। महापौरों की शिकायत है कि निगमायुक्त संवैधानिक अधिकारियों और प्रोटोकाल को नजरअंदाज कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार के इशारे पर चुने हुए जनप्रतिनिधियों को अपमानित करने का काम कर रहे हैं। इसको लेकर भोपाल में एकत्र हुए सभी महापौरों ने आज अलग-अलग बैठकें करके रणनीति तैयार की है। 

आज हुई बैठक को लेकर भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि आज सभी महापौरों ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकर समस्या बताई और उनका मार्गदर्शन लिया। इसके बाद अगली रणनीति पर चर्चा होगी। इंदौर, उज्जैन, रतलाम, सतना, भोपाल, खंडवा, छिंदवाड़, कटनी, सिंगरौली, सागर, छिंदवाड़ा बुरहानपुर के महापौर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि महापौरों को परेशान किया जा रहा है। विकास के काम रोके जा रहे हैं। प्रोटोकाल का उल्लंघन हो रहा है। चुने महापौरों को हटाने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास के लिए फंड नहीं दिया जा रहा है। 

आज की बैठक में अखिल भारतीय महापौर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक शेजवलकर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री उमाशंकर गुप्ता भी मौजूद रहे। महापौर शर्मा ने कहा कि भाजपा के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत से भी इन्हीं मुद्दों को लेकर बैठक होना है। उन्होंने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों का कांग्रेस सरकार अपमान नहीं कर सकती। नगर निगम के कमिश्नर कांग्रेस सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की नहीं सुन रहे है। इसकी शिकायत भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय से करेंगे कि आईएएस अधिकारी कर्तव्य पालन में राजनीतिक मंशा को महत्व दे रहे हैं। 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज प्रदेश भर के महापौर एकत्र हुए हैं। प्रदेश सरकार चुने हुए महापौरों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। उनके अपमानित करने का काम किया जा रहा है। हर जगह ऐसी घटनाएं हो रही हैं। भोपाल के महापौर का मुख्यमंत्री की मौजूदगी में अपमान हुआ जिसमें उन्हें कार्यक्रम में स्वागत करने के लिए कहा गया फिर मौका नहीं दिया। ऐसा करना चुने हुए प्रतिनिधियों का अपमान है। उनके संवैधानिक अधिकारों को कुचला जा रहा है। आज इसी को लेकर पार्टी की बैठक में रणनीति बनाई जाएगी। 

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